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जीव-अजीव तत्त्व एवं द्रव्य सच-झूठ पहचानना
विज्ञानी वेक्स्टर का उत्साह बढ़ा और उसने पौधों की संवेदनशीलता से संबंधित नये-नये प्रयोग करने प्रारंभ किये। उसने अपने एक प्रयोग में पोलीग्राफ को पौधे से जोड़कर उसका संबंध एक व्यक्ति से कर दिया। फिर उस व्यक्ति से उसके निजी जीवन से संबंधित प्रश्न पूछना प्रारंभ कर दिया। जब वह व्यक्ति प्रश्न का उत्तर सही देता, सत्य बोलता तो 'गेल्वेनोमीटर' की सुई में कोई गति नहीं होती और जब वह व्यक्ति उत्तर झूठा (गलत) देता तो गेल्वेनोमीटर की सुई में तुरंत गति होने लगती। इससे यह सिद्ध हो गया कि पौधा किसी भी व्यक्ति के सच-झूठ बोलने को भी भाँप लेता है। सहानुभूति दिखाना
एक दिन वेक्स्टर की उंगली ब्लेड से कट गयी। जैसे ही वेक्स्टर को पीड़ा हुई, ठीक उसी समय कमरे में रखे पौधे को दुःख हुआ, जिससे गेल्वेनोमीटर की सुई गतिशील हो गई। इससे यह प्रगट हो गया कि पौधा अपने रक्षक के साथ कितनी गहरी सहानुभूति रखता है।
एक दिन वेक्स्टर ने एक वट वृक्ष के साथ पोलीग्राफ जोड़ दिया। वट वृक्ष के सामने से माली निकला तब उसने कोई प्रतिक्रिया नहीं की
और जैसे ही लकड़हारा सामने आया, वृक्ष भय से काँप उठा, पोलीग्राफ यंत्र पर उसका ग्राफ बन गया। क्या होना
___एक बार वेक्स्टर आमलेट बनाने के लिए अण्डे फोड़ रहा था। उसने देखा कि पोलीग्राफ यंत्र पौधे से उत्पन्न हुई गहरी संवेदनाओं को प्रकट कर रहा था। इसी प्रकार पानी में उबलते अंडों के प्रति भी पौधे