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विषय
(द) वर्धमान का समय-काल
(घ) वर्धमान का कुमारकाल
( न )
भगवान् महावीर की अंगुल का माप
( प ) भगवान के माता-पिता की उपासना तथा परभव काल - शकेन्द्र द्वारा
(फ) वीर स्तुति
भगवान् महावीर के समकालीन राजा (ब) वर्धमान - एक विवेचन
.०१ वर्धमान के साधुओं का विवेचन .०१.१ औधिक श्रमणों का विवेचन .०१.२ औधिक निर्ग्रन्थों का विवेचन (क) निर्ग्रन्थों की ऋद्धि
(ख) निर्ग्रन्थों का तप
.०१.३ औधिक स्थविरों का विवेचन .०१.४ औधिक अनगारों का विवेचन
(ख) अनगारों का अप्रतिबंध विहार
(च) अनगारों के गुण
अनगारों की तपश्चर्या
(ठ) अनगारों के विशेष गुण (ड) संसार - सागर से तैरना
.०१.८ साधुओं की एक कड़ी
.०१.६ गण और गणधर
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.०१.५ भगवान महावीर के तेपन्न अनगार की एक वर्ष की श्रमण-पर्याय २६ ०१.६ भगवान् महावीर के समकालीन प्रत्येक बुद्ध
.०१.७ अष्ट राजा दीक्षित
.०१.१० भगवान की शासन-सम्पदा
सौधर्म से ग्रैवेयक तक - देवों में उत्पन्न साधुओं की संख्या
.१.११ विशिष्ट साधु- संख्या
.१.१२ शिक्षक साधु की संख्या
.२
भगवान् की शिष्य परम्परा
• १ तीन केवलज्ञानी
.२ चतुर्दश पूर्वधारी
-३ ग्यारह अंग - दस पूर्वो' के ज्ञाता
.४ ग्यारह अंगधारी
.५ गणधर के समान ज्ञानी
.६ आचारांग के धारी थे
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