________________
पृष्ठ
२०५ २०६
२०६
२१७ २१८
२१६
२२० २२० २२०
२२०
२२१
( 74 ) विषय .१ सुर्याभदेव के आभियोगिक देवों का .२ सुर्याभदेव का .३ गौतमादि श्रमण निर्ग्रन्यों को सुर्याभदेव द्वारा
नाटक दिखाने की इच्छा-निवेदन .४ भगवान महावीर को स्वस्थान स्थित देवों का वंदन .२ ईशानेन्द्र का .३ सानतकुमारेन्द्र तथा माहेन्द्र का
ग्यारहवें चतुर्मास के बाद की घटना (ग) भोगपुर नगर में-सानतकुमारेन्द्र का .४ भगवान की छद्मस्थावस्था की घटना विशेष
पूर्णभद्र और मणिभद्र (ख) चम्पा में बारहवें चातुर्मास के समय में .५ वैशाली में शक्रेन्द्र का आगमन
छ? चतुर्मास के पूर्व (ख) जमिक ग्राम में-शकेन्द्र का (ग) हस्तिशीर्ष नगर में इन्द्र का आगमन (घ) छद्मस्थावस्था में थूणा सन्निवेश में भगवान के पास
इन्द्र का आगमन (झ) अपापा में शकेन्द्र का आगमन (ञ) शक्रेन्द्र का परिवार सहित विपुलाचल पर्वत पर
जम्भिक ग्राम में शक्रेन्द्र तथा मिण्डिक ग्राम में
चमरेन्द्र आया था .६ दर्दुर देव का आगमन .७ चम्पानगरी में देवों का आगमन .१ असुरकुमारों का
देवों का शरीर और शृगार .८ नागकुमार यावत् स्तनित कुमारों का .६ वाणव्यंतर देवों का.१० ज्योतिष्क देवों का.११ वैमानिक देवों का.१२ सुसुमार नगर में चमरेन्द्र का आगमन.१३ विभिन्न देवों का आगमन- ग्यारहवें चातुर्मास के पूर्व
२२१
२२२
२२२
२२४
२२४
२२५
२२५ २२६ २२६
२२६ २२८ २२८ ૨૨ २३० २३१
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org