Book Title: Vardhaman Jivan kosha Part 3
Author(s): Mohanlal Banthia, Shreechand Choradiya
Publisher: Jain Darshan Prakashan

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Page 515
________________ ( ४३२ ) अभयकुमार चरित-चन्द्रतिलक उपाध्याय, वि १३वीं सदी । आगम और त्रिपिटक-प्रकाशक-श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी महासमा, कलकत्ता सन् १६६६ आख्यानक मणिकोष-आचार्य देवेन्द्र गणि वि. १२वीं सदी । आचारांग टीका-टीका-शीलांकाचार्य कृत, तदुपरि श्री जिनहंस कृत दीपिका, तदुपरि पावचन्द्रसूरि कृत, बालाबबोध, प्रकाशक-धनपतसिंह बहादुरसिंह, अजीमगंज, सन् १६३६ । आवश्यक हरिभद्रीया वृत्ति-आचार्य हरिभद्र, छठी सदी। आवश्यक मलयगिरि वृत्ति-आचार्य मलयगिरि, १२वीं सदी । उत्तराध्ययन-कमलसंयमीयावृत्ति-आचार्य कमलसंयम । उत्तज्झयणाई टीका-(भाग ४) लक्ष्मीवल्लभकृत रीका, अनुवादक-पं. हीरालाल हंसराज, प्रकाशक-मणिबाई राजकरण, अहमदाबाद, सन् १९३५ । उत्तराध्ययन-भावविजया वृत्ति-श्री भावविजय गणि। उत्तरपुराण-आचार्य गुणभद्र (१०वीं सदी), प्रकाशक-भारतीय शानपीठ, वाराणसी, १९६८। उपदेशप्रासाद-श्री विजयलक्ष्मी सूरि । उवदेशपद---आचार्य हरिभद्र कृत (स्वोपशवृत्ति) उपदेशकथा रत्नकोष-श्रीमजयाचार्य । उपदेशमाला-धर्मदास गणि अभिधान चिन्तामणि कोष-आचार्य हेमचन्द्र । त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित्र-आचार्य हेमचन्द्र, १२वीं शदी, प्रकाशक-श्रीमती गंगाबाई जैन चेरिटेबल ट्रस्ट, बम्बई । ऋषिमंडल प्रकरण वृत्ति-धर्मघोषसूरि (वृत्ति पद्मनंदि गणि) १६वीं सदी । कथाकोश प्रकरण-जिनेश्वरसूरि, वि. ११०८ । कथाकोश-प्रभाचन्द्र, ११००वीं शदी। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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