Book Title: Vardhaman Jivan kosha Part 3
Author(s): Mohanlal Banthia, Shreechand Choradiya
Publisher: Jain Darshan Prakashan

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Page 525
________________ ( ४४२ ) मंगलप्रकाश मेहता, वाराणसी। यह ग्रन्थ जैन आगम और पागमेतर साहित्य पर शोध कर रहे छात्रों के लिए विशेष उपयोगी सिद्ध होगा। डा. नरेन्द्र भाणावत, जयपुर। वर्धमान महावीर के जीवन की आधारभूत सामग्री का यह प्राणाणिक संदर्भ ग्रन्थ शोधार्थियों के लिए अत्यन्त ही उपयोगी और पथप्रदर्शक है। श्री रतनलाल डोसी, सैलाना। यह ग्रंथ अपने आप में अद्वितीय अनूठा और विद्वानों के लिए बहुमूल्य निधि है। इसके पीछे सूझ-बुझ के साथ कष्ट साध्य पुरुषार्थ हुआ है। भगवान के जीवन सम्बन्धी जो और जितनी सामग्री इसमें संकलित हुई है, पहले किसी ग्रंथ में नहीं हुई। जिस निष्ठा, अनुभव और धैर्य से यह कोश सम्पन्न हुआ है, वह अभिवन्दनीय है। मंगलदेव शास्त्री, राजगह। महाश्रमण भगवान महावीर पर अब तक अनेक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है, पर प्रस्तुत पंथ का अपना विशेष महत्व है। यह सम्पादक द्वय की उदार एवं समन्वयवादी दृष्टि को उजागर करता है। प्रस्तुत ग्रंथ विद्वानों के लिए, विशेष रूप से शोध छात्रों के लिए विशेष उपयोगी है। श्री भंवरलाल जैन न्यायतीर्थ, जयपुर । भगवान् महावीर के च्यवन से परिनिर्वाण तक का विस्तारपूर्वक विवेचन इस कोष में किया गया है। दिगम्बर-श्वेताम्बर एवं जैनेतर सामग्री का यथास्थान संकलन कर इतिहास प्रेमियों एवं शोध छात्रों के लिए इसे एक संदर्भ ग्रन्थ बना दिया है। कंवर साहब मानसिंहजी, लावा सरदारगढ़। भगवान महावीर के जीवन की अपूर्व व विशद सामग्री है। इस कार्य को पूरा कर दिखाने में यह आपके परिश्रम व तप का ही फल है। युगप्रधान आचार्यश्री तुलसी। इसमें भगवान महावीर के जीवन से सम्बन्धित काफी सामग्री एकत्रित है। इस विषय में शोध करने वालों के लिए यह ग्रन्थ बहुत ही उपयोगी बन सकेगा-ऐसा विश्वास है। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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