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( २६१ ) वह उत्कट इच्छा वाला, बड़े-२ कार्मों का आरंभ करनेवाला, अधार्मिक, दक्षिण पथगामी नारकी और दूसरे जन्म में दुर्लभ-बोधि होता है ।।
हे चिरजीवी श्रमणो ! इस प्रकार उस निदान कर्म का इस प्रकार प परुप फल होता है कि जिससे आत्मा में केवलि-प्रतिपादित धर्म सुनने की शक्ति नहीं रहती।
नोट-अतः निदान कर्म सर्वथा हेय रुप है। इसके तीन भेद होते है-जघन्य, मध्यम औरउकृष्ट । यहाँ उत्कृष्ट निदान कर्म करने वाला जीव ही धर्म-श्रवण करने योग्य नहीं बताया गया है, शेष नहीं। मध्यम और जघन्य रस वाले जी३ निदान कम के उदय होने के पश्चात् धर्म श्रवण या सम्यक्त्वादि की प्राप्ति कर सकते हैं ।
इसमें कृष्ण वासुदेव या द्रौपदी आदि के अनेक शास्त्रीय प्रमाण विद्यमान है । निर्ग्रन्थी के किसी सुन्दर युवती को देखकर निदान कर्म करने का वर्णन-- द्वितीय निदान
एवं खलु समणाउसो भए धम्मे पण्णत्ते, इणमेव निग्गंथे पावयणे जाव सम्वदुक्खाणं अंतं करेंति। जस्स णं धम्मस्स निग्गंथी सिक्खाए उवडिया विहरमाणी पुरा दिगिच्छाए उदिण्ण-काम-जाया विहरेजा, सा य परक्कमेजा, सा य परकम्ममाणी पासेजा से जा इमा इत्थिया भवति एगा एगजाया एगाभरणपिहिणा तेल्ल-पेलाइवा सुसंगोविता चेला-पेला इवा सुसंपरिग्गहियारयण-करंडगसमाणी, तीसे गं अतिजायमाणीए वा निजायमाणीए वा पुरतो महं दासी-दास चेव जाव किंभे आसगस्स सदति जं पासित्ता निग्गंथी, णिदाणं करेंति ।
दसासु० द १० हे आयुष्मान ! श्रमण ! इस प्रकार मैंने धर्म प्रतिपादन किया है। यह निर्ग्रन्थप्राचन सत्य है और सब दुःखों को विनाश करता है। जिस धर्म की शिक्षा के लिए उपस्थित निग्रन्थी विचरती हुई पूर्व बुभुक्षा के कारण से उदीर्ण काया ( काम भोगों की उत्कृष्ट इच्छा होने से ) होकर भी संयम मार्ग में पराक्रम करती है। और फिर पराक्रम करती हुई स्त्री गुणों से युक्त किसी स्त्री को देखती है। जो अपने पति की एक ही पत्नी है, जिसने एक ही जाति के वस्त्र और आभूपण पहने हुए हैं। जो तेल की पेटी के समान अच्छी प्रकार से रक्षित है और वस्त्र की पेटी की तरह भली-भांति ग्रहण की गई है, जो रत्नों की पिटारी के समान आदरणीय और प्यारी है तथा जो घर के भीतर और घर से बाहर जाते हुए अनेक दास और दासियों से घिरी रहती है और जिसकी दास लोग हर समय प्रार्थना करते रहते है कि आपको कौनसा पदार्थ अच्छा लगता है-उसको देखकर निर्ग्रन्थी निदान करती है। निग्रंथी का निदान कर्म करके फिर देवलोक जाने के अनन्तर मानुष-लोक में कुमारी बनना।
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