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( ४२३ )
'३ चातुर्मास
भगवान महावीर ने कुल बयालीस चातुर्मास किए। उनमें प्रथम बारह छद्मस्थ अवस्था में और शेष तीस केवली अवस्था में किये थे।
१-अस्थिकग्राम २-नालन्दा ३-चम्पा ४-पृष्ठचम्पा ५-भद्दियानगर ६-मद्दियानगर ७-आलंभिया ८-राजगृह ६-वज्रभूमि १०-श्रावस्ती ११-वैशाली १२-चंपा १३-राजगृह १४-वैशाली १५-वाणिज्यग्राम १६-राजगृह १७-वाणिज्यग्राम १८-राजगृह १६-राजगृह २० - वैशाली २१-वाणिज्यग्राम
२२-राजगृह २३-वाणिज्यग्राम २४-राजगृह २५-मिथिला २६-मिथिला २७-मिथिला २८-वाणिज्य ग्राम २६-राजगृह ३०-वाणिज्यग्राम ३१-वैशाली ३२-वैशाली ३३-राजगृह ३४-नालंदा ३५-वैशाली ३६-मिथिला ३७-राजगृह ३८-नालन्दा ३६-मिथिला ४०-मिथिला ४१-राजगृह ४२-पावा
नोट :१-राजगृह में
११ वर्षावास २-वैशाली में
६ वर्षावास ३-मिथिला में
६ वर्षावास ४-वाणिज्यग्राम में ६ वर्षावास ५-चंपा में
२ वर्षावास ६-नालंदा में
३ वर्षावास ७-भद्दियानगर में २ वर्षांवास
शेष छह स्थानों में एक-एक वर्षावास
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