________________
( 72 )
विषय
(थ) आनन्द श्रावक के अवधिज्ञान के पश्चात् भगवान का वाणिज्यग्राम से विहार
• १७ पोलासपुर पदार्पण
.१८ कौशाम्बी पदार्पण
१६५
१६५
१६६
(ख) सर्वज्ञ अवस्था में (पन्द्रहवाँ वर्ष )
१६७
(घ) मृगावती की दीक्षा के समय भगवान का कौशाम्बी में पदार्पण १६७
१६८
१६६
१६६
१६६
१६६
१७०
१७२
१७३
१७४
१७६
१७६
१७६
(च) कौशाम्बी में पुनः आगमन - ५५वें वर्ष में
• १६ श्रावस्ती में पदार्पण
(ख) शंख श्रावक के समय में
(ग) कौशाम्बी नगरी से श्रावस्ती नगरी पदार्पण - उनतीसवां वर्ष
.२० आलंभिया नगरी में
ऋषिभद्रपुत्र श्रमणोपासक के समय में
. २१ काशी नगरी - वाराणसी में
• २२ राजगृह नगरी से पृष्ठ चम्पा की ओर विहार
.२३ चम्पानगरी में भगवान का पदार्पण
चम्पानगरी की ओर विहार
चम्पानगरी में - रथमुसल-संग्राम के बाद
(थ) संघ से अलग हुआ जमाली - चम्पानगरी में आया तब भगवान् का चम्पानगरी में पदार्पण
(द) जमाली - भगवान् के शासन से अलग होकर फिर भगवान् के चम्पानगरी में दर्शन किये
(ध) पृष्ठचम्पा से चम्पा की ओर विहार
. २४ सुघोष नगर में
. २५ महापुर नगर में
. २६ कनकपुर नगर में
.२७ सौगंधिका नगरी में
.२८ विजयपुर नगर में
. २६ वीरपुरनगर में
. ३० वीतभय नगर में पदार्पण
उदायन की दीक्षा के लिए चम्पानगरी से
वीतभय नगर की ओर विहार
• ३१ भगवान महावीर का दर्शाणनगर से विहार
• ३२ मैटिकग्राम - श्रावस्ती से विहार
• ३३ ऋषभपुर नगर में
• ३४ मथुरानगरी
Jain Education International
पृष्ठ
For Private & Personal Use Only
१७६
१७६
१८०
१८०
१८०
१८१
१८१
१८१
१८१
१८१
१८२
१८३
१८४
१८४
www.jainelibrary.org