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ACKNOWLEDGMENT
All that is contained in this book has been excerpted, adapted, or translated into English from a number of authentic Jaina texts. Due care has been taken to conserve the essence of the Holy Scripture composed by the ancient preceptors (purvācārya).. Contribution of the following publications in preparation of the present volume is gratefully acknowledged:
1. हिन्दी अनुवाद - पं. परमेष्ठीदास न्यायतीर्थ (1984), श्रीमद् भगवत्
कुन्दकुन्दाचार्यदेव प्रणीत नियमसार, साहित्य प्रकाशन एवं प्रचार विभाग, श्री कुन्दकुन्द कहान दिगम्बर जैन तीर्थ सुरक्षा ट्रस्ट, ए-4, बापूनगर, जयपुर-302015,
पाँचवाँ संस्करण. 2. पं. पन्नालाल साहित्याचार्य (1970), श्रीभगवत्कुन्दकुन्दाचार्य कुन्दकुन्द-भारती,
श्रुत भण्डार व ग्रन्थ प्रकाशन समिति, फल्टन. 3. संपादन - डॉ. कमलचन्द सोगाणी (2015), आचार्य कुन्दकुन्द रचित नियमसार
(खण्ड-१ व खण्ड-२). अपभ्रंश साहित्य अकादमी जैनविद्या संस्थान. श्रीमहावीरजी
(राजस्थान). 4. टीका - आर्यिका श्री ज्ञानमती माताजी (2005), श्रीमद्भगवत्कुन्दकुन्दाचार्य
प्रणीत नियमसार-प्राभृत, दिगम्बर जैन त्रिलोक शोध संस्थान, हस्तिनापुर
(मेरठ)-250404, द्वितीय संस्करण. 5. सिद्धान्ताचार्य पं. फूलचन्द्र शास्त्री (2010), आचार्य पूज्यपाद विरचित
सर्वार्थसिद्धि, भारतीय ज्ञानपीठ, 18 इन्स्टीट्यूशनल एरिया, लोदी रोड, नई
दिल्ली-110003, सोलहवाँ संस्करण. 6. टीका - आर्यिका श्री विशुद्धमति माताजी, सम्पादन - ब्र. पं. रतनचन्द जैन 'मुख्तार'
व डॉ. चेतनप्रकाश पाटनी (1974), श्रीमन्नेमिचन्द्र सिद्धान्तचक्रवर्ति विरचित त्रिलोकसार, श्री शान्तिवीर दिगम्बर जैन संस्थान, श्रीमहावीरजी (राजस्थान). 7. टीका - आर्यिका श्री विशुद्धमति माताजी, सम्पादन - डॉ. चेतनप्रकाश पाटनी
(2008), श्रीयतिवृषभाचार्य विरचित तिलोयपण्णत्ती, श्री 1008 चन्द्रप्रभ दिगम्बर
जैन अतिशय क्षेत्र, देहरा-तिजारा (राजस्थान), तृतीय संस्करण. 8. सिद्धान्ताचार्य पं. कैलाशचन्द्र शास्त्री (2013), माइल्लधवल-विरचित णयचक्को
(नयचक्र), भारतीय ज्ञानपीठ, 18 इन्स्टीट्यूशनल एरिया, लोदी रोड, नई दिल्ली-110003, पाँचवाँ संस्करण.
(xlv)