Book Title: Niyam Sara
Author(s): Vijay K Jain
Publisher: Vikalp
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गाथा अनुक्रमणिका
गाथा
गाणं परप्पयासं दिट्ठी
णाणं परप्यासं तइया णाणेण
णाणं परप्पयासं ववहारणयेण णाणाजीवा णाणाकम्मं णाणाविहं णाहं कोहो माणो ण चेव माया णाहं णारयभावो तिरियत्थो णाहं बालो वुड्डो ण चेव तरुणो णाहं मग्गणठाणो णाहं गुणठाण णाहं रागो दोसो ण चेव मोहो णिक्कसायरस दंतस्स सूरस्स णिग्गंथो णीरागो णिस्सल्लो हिंडो हिंो णिम्ममो णिक्कलो
णियभावणाणिमित्तं मए कदं णियभावं गवि मुच्चइ परभावं णियमं णियमस्स फलं णिद्दिट्ठ णियमं मोक्खडवायो तस्स फलं णियमेव य जं कज्जं तं णियमं
णिव्वाणमेव सिद्धा सिद्धा णिस्सेसदोसरहिओ केवलणाणाइणोकम्मकम्मरहियं विहावगुणपज्जएहिं णो खइयभावठाणा णो
णो खलु सहावठाणा णो माणवमाणो ठिदिबंधट्ठाणा यडिट्ठाणा
तस्स मुहुग्गदवयणं पुव्वावरदोसविरहिय तह दंसणउवओगो ससहावेदरवियप्पदो
थीराजचोरभत्तकहादिवयणस्स
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Verse No.
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