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के सम्बन्ध में फसा रहे उस निया के फलरूप धर्म से आत्मा विमुक्त होजाता है
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प्रश्न - आत्मा सय ज्ञानस्वरूप नहीं है किन्तु ज्ञान पाय से उत्पन्न होता है जैसे किसी को प्रथम घट का ज्ञान नहीं था जब उसने फिर किसी घट को देना तव उसको घट का ज्ञान उत्पन्न होगया तो इससे स्वत सिद्ध होजाता है जन कि घट से पूर्व उस व्यक्ति को घट का ज्ञान नहीं था किन्तु जन उसने घट को देख लिया तर उसको घट का ज्ञान होगया इसलिये आत्मा ज्ञानस्वरूप नहीं है किन्तु ज्ञान पदार्थगत ही सिद्ध होता है ।
उत्तर -प्रियवर ' यह कथन आपका युक्ति बाधित है क्योंकि जन आत्मा स्वय ज्ञानस्वरूप न होता तर यह घटात पदार्थों का ज्ञान किस प्रकार प्राप्त कर सक्ता? जिस प्रकार आमो को निर्मल होनेपर ही पार्थो का ठीक ज्ञान हो सक्ता है ठीक उसी प्रकार आत्मा ज्ञानस्वरूप होने पर ही पदार्थों का अवयोध प्राप्त कर सकता है क्योंकि जिस प्रकार दीपक
स्वय और पर प्रकाशक होता है ठीक उसी प्रकार आत्मा के विषय में भी जानना चाहिये। क्योंकि जिस प्रकार दीपक पदार्थों से न उत्पन्न होने पर