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पुन:-पिता मदागार किम पहन पिता-पुत्र विममे अपना जीपन मा मुख पुर्यास्यतीत
किया ना मफे और धर्म की पृद्धि ती हे या धार्मिय जीरा मे सिर सग या ािंग पर की
प्राति भी जाना। पत्र --पिनानी व नियम कामे मे दोना
रोगा की गुद्धि होजाती है? पिता-पुत्र । यदि डा निययों को मुनना चाहता है नो
नू ध्यान देकर मुन । निममे दोना रोगों की भी
प्रकार गुद्धि हो माही। पत्र -पितानी में ध्याा देवा आपके पवित्र उपदेश को
मुनना हू, आप सुनाये । पिता-पुत्र | प्रथम तो बालों को अपने पवित्र जीपा
बनाने के रिये पाया की गुद्धि करनी चाहिये । र बिना यन मे यहों के सामने न बैठना चाहिये और जिस प्रकार अपने पृद्धा पी ५ माता पिता का अपिाय न होय उसी प्रकार उनके मामने धेठना चाहिये । प्रात काल अपनी शम्या में उठने ही माता पिना व वृद्धों को नमस्कार परते हुए उनके घरण कमर पा स्पर्श करना चाहिये।