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पाप कर्म और आप पिमधे द्वारा पाप कमों का आगमन हो तथा पप जिमस आम कर्मा * मे भीर नारयत कप दोनाप ये सीनी पा' त्यागने योग्य जिम का आगमन ' पद होगाय अयात् सम्यर और निरा निममे कम भय किये जाम और मोर नीनो पार्ष
धारण करन योोय हैं। 'इमलिय माविद्याओं द्वारा उक्त पदार्थों का अब करना चाहिये जिसमें आरमा अपना पम्या भी कर सके। सुने -पितायी । पाहा पाया शो भगृहस्थाश
___ या पाला भी गा"" "" पिता-पुत्र मुनि से कार्य किया हुआ गधाश्रम का मुन्ध
पूर्वक नियोह र मगा। " पुत्र-पिताजी। ये भी मुहो ममता, बीजिय मि युमि
- पूर्वक रिम प्रकार गृत्स्यायम पा पारन पिया , -जागता है।
पिता-पुत्र मिन जिन पामा में अधिक हिमादि प्रियाग
गगनी उना और अनादर या परित्याग पर ' गृहस्थाश्रम सुप पूर्वक निर्वाह किया जामता है।
मे विदशी बाहार, स्वदेशी औषध और