Book Title: Jain Dharm Shikshavali Part 07
Author(s): Atmaramji Maharaj
Publisher: Jain Swarup Library

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Page 195
________________ जिनदत्त --ब्रह्मचय से । चित्त में धैर्य और परमोत्साह रिससे उत्पन्न होता है ? ब्राह्मचर्य से। । और योगाभ्यास में गयाम चित्त किमका होता है? ब्रह्मचारी का। गारिरिस और मानसिक कष्ट निमसे दूर होते है ? ब्रहमचर्य से। आत्मिक शक्ति किसी विकसित होती रहती है ? ब्रह्मचारी की। तप और सयम पिससे वृद्धि पाते है? ब्रह्मचर्य से। - स्फुरण शक्ति शील कौन होता है ? ब्रह्मचारी। हर विधाम किमसे उत्पन्न होता है ? ब्रह्मचर्य से। परमार्थ पथ कौन प्रात्प करता है ? प्रामचारी। निर्माण पद फिमसे प्रात्प होमता है ? ब्रह्मचर्य से! सौंदर्य किससे पडता है ?

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