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अनय विनय पूपर मधुर भारी प्रवर थr না যি নখ, স্নান যুগ য া ম ম বা मोरना नाये।
इम दरग जाना कि पहन मे urat मा सभाप हानाहक य याम मो आप सिंगार पटादार बार उनी पूण साता म य अपनी निना गिर पी लिप पिमी और का नाम ग्रेटर मायाम अन्गन अनुचित है । *मम उम पार पर म अगर पा विधाम उटजामरियामा मेही गट या किमी का फरोका अभ्याम न पाय । माय होम यावा भी विषय मातिय शिमग किन म भिम . प्रकार का मम्पय। पिर उग समय को भी प्रसार विजय से
पागा पाहिये।
हाता गरे अल्प या मधुर भापी बात का स्वमाय डालना चाहिए।
विम प्रकार यागादिया पणा किया गया है. उम प्रकार गन-गुद्धि या मी या ना लेना चाहिये ।
जम मि मात्ति मेपमी की नफरती पाहिये यदि क्मिा ममय पाई पन्तु मागने पर भी उपरग्ध ना हो तो उस मम पाप याभय होकर प्रकार