________________
सफलता देखी जाती है तथा उनपे फप्टों के समय सहानुभूति भरी प्रकार से दिसराते हुए अहिंसा धर्म की प्रभावना भी पी जामकि है । अतएव सिद्धात यह निकला कि उचित व्यवहार रखते हुए सर्व कार्यों की सफलता भली प्रकार से की जा
सती है। पुश-पितानी ! जनता के साथ किस प्रकार से पर्तना
पाहिये
पिता'---पुन देश या पालके ज्ञान को भली प्रकार रसते
हुए जनता के माय प्रेम या मोा पूर्वक यतना चाहिये परन्तु मिश्या छठ या फदामह कदापि न करना चाहिये क्योकि जो रोग देश के पाल के ज्ञान को भली प्रकार से नहीं जानते वा कदाग्रही हैं वे कदापि जाति या धीमति नहीं कर सरो। अतण्य सिद्ध हुआ कि मिथ्या हठ को छोडकर
केवल देश कालज्ञ बनना चाहिये । पुत्र-पिताजी । सविधा किसे कहते हैं ! पिता--जिम विद्या के पढने मे पदायों का ठीक २ पोध
होजाय । पुत्र-पिताजी पदार्थों के ठीक २ योध हो जाने से फिर
किस गुण की उपलब्धि होती है ?