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तथा यह यात भी भली प्रकार मे,मानी गई है कि जो व्यक्ति पैश्या संग करते हैं उनकी पवित्रता और सदाचारला सर्वथा नष्ट हो जाती है। साथही ये नाना प्रकार के रोग भी उस स्थान से ले आते हैं। बहुत से व्यक्तियों का जीयन भी कष्ट-मयी हो जाता है और फिर ये अपने पवित्र जीवन में भी हाथ धो बैठते हैं। ___ अप विचार इसी बानका करना है कि जब उनका! पवित्र पीया यैश्या सग से इसी लोक में कष्टमय होता है, नो भला पररोष म ये सुसमय जीवन के भोगने घाले कर, माने जा सक्ते हैं।
अतण्य वैश्या सग पदापि न करना चाहिये।
परस्त्री मग-जिम प्रसार वैश्या मग दोनों लोक म दु सम माना गया है ठीक उसी प्रकार परस्त्री संग भी दोनों लोक में कष्ट देनेवारा माना गया है। इसके सगा परिणाम सर्वा सुप्रसिद्ध है तथा परनारा सेवी को जिन २
प्य का मामना करना पड़नाट जनता में भूले हुए नहीं है क्यानि राज्यकीय धाराए इन्ही पापों के सेवन करने बालों के लिये बनाई गई है। साथही शाम्रा में परदारा मेवा की गनि नरकारि प्रतिपादन की गई है । अतएव विधा शील व्याकया को योग्य है कि कापि उक्त व्यमन का मग न करें।
उत्त' व्यमन का ।