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हो या पापहोत्यय मय र ममातही जानना उसी गा नाम मिश्रित विश्राम । म विश्राम रे द्वारा प्राणी असा फरयाग परत में अनमय हो नया न्याय पाने भी इम प्रनि याला आगा अपनी अयाग्या मिद्ध पाता है पा यह मासा मम नाम अतण्य मम्यग दगा प्रत्येक मुमुक्षु आत्माआ को धारण परले चाहिय ।
निम प्रकार सभेप प में उन नीनों दर्गा या यर्गन किया गया। ठीक उसी प्रकार मामाय अपोध थी अपेरा से चार दर्शना रा पितार निम्न प्रकार में किया गया है। जैने कि
१ चक्षुटशन - आगों में कमी पार्थ को दया जाता हे तर प्रथम सामान्य अवरोध होता अमेरि क्या यह अमुक पदार्थ है ?
इस प्रकार से जो पदार्थों में देखने में योध पैदा होता हैं उसी का नाम चक्षुश्शन है।
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दर्शन इसे इमलिय कहा गया है कि जन सामान्य पोष होगया सदा फिर उसी पदार्थ का विशेष योध हा जाता है। फिर उनी पदाध को भान द्वारा निर्मात किये जाने पर विशेष