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पुत्र
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म गुण थ वे मुख्यता रूप में प्रसिद्ध रोग हैं। इमरों का पाता योग विधि से मान घतमान कार में नहीं होता। प्रत्युत प्रतिपुल भा
दुर्गाकीर
रूप
है।
पुत्र
पिताजी मुझे यह तो पere
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मुख्य रक्षा करने के नियम कौन गौण गुण योन २ मे हैं ?
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से और
पिता मेरे परम प्यारे सुत । पिताओं का प्रथम यह कर्तव्य है कि वे अपन प्रिय पुत्रो को महाभार ओर मविनाओं द्वारा पाना किंतु गौणतारूप में ज्ञान पार यन आभूषण भोग और उपभोगादि द्वारा भी उनकी पालना पर पर वर्तमान काल में प्राय देखा जाता है कि प्राय गोण रूप जो नियम उस ओर तो विषेष ध्यान दिया जाता है और जो सदाचार और मविधाओं द्वारा उनके जीवन को अत करना था उसकी ओर बहुत न्यून ध्यान दखने में आता है ।
- तानी । जय अछे = वस्त्रां और आभूषणों मे अपने पुत्र को आभूषित किया जायगा तय ये पड़े ही लोग जिसमे प्रत्येe safe उनसे प्रम
भुदर करने की उar धारण
करेगा साथ ही