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उत्तर --अनीव पदार्थरूपी भी है और अरूपी भी है । प्रम.-यह कैसे? " उत्तर -जन मत में पद द्रव्य माने गए हैं। जैसे कि -धर्म ____ द्रव्य १ अधर्म द्रव्य २ आयाग इन्य ३ पाल द्रव्य ४ । जीव प्यार और पुदगल द्रव्या.६ मो उक्त पद ' दयों में जीरा द्रव्य केयर्क चैतन्य सज्ञा वारा है।
शेप पाच द्रव्य चैतन सज्ञान होने से अजीर द्रव्य कहे जाते हैं किंतु उसमें भी द्रव्य । अरूपी और एक फेवल पुद्गल द्रव्यरूपी कहा जाता है। अतण्य कहा जाता है कि अजीव द्रव्य रूपी भी है और अरूपी भी है।
प्रश्न--पी अजीव दम्य
उपमेद कितना है?
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उत्तर ----अरूपी अजींच द्रव्य के उपभेद - ३० हैं । -- - - प्रश्न-वे तीस भेद किम प्रकार गिने जाते हैं ?
सुनिये -नमे कि धर्म द्रव्य के प्रथम तीन भेद
हैं यथा स्कंध १ देश • और प्रदेश ३ इसी प्रकार . ...अधर्म द्रव्य और आकाश द्रव्य के भी तीन . ___ -भेद किये जानेपर, सर्व ,९ भेद हुए। फिर पाल
का केवल एक ही भेदा है । इस प्रकार