________________
क्योकि जर परमाणु पुगर या अनत पाय धन क्रिय मयाद नो फिर उसय भेदभी वो अनत हो मा । और यो मय जगत् जड और पता में युक्त है। ससारी शात्मा इस मड पदार्थों के मोहमें फमकर दुम उठा है। प्रश्न - अष्ट पदार्थों में जहत्व गुण कयम है १ उत्तर-अनादि काल मे। मन्न-जय अनादित्य पटव गुण है तो फिर उम गुण से . , आत्मा विमु रिस प्रकार हो सत्ता ६१
उत्तर ---स्वानुभयसे । प्रश्न-स्थाभय विम प्रकार का चाहिये ? उत्तर सदेव पाल इस पातका अनुभव करते रहना
चाहिये कि हे आत्मम् । नू अनत शक्ति स्वरूप है, तू अजर अमर और सिद्ध युद्ध है तथा हे आत्मम् । तू सर्यक्ष और मर्वदशी है और तू ही सय का उपास्य देय है किंतु फमों के कारण से न मूर्य और दुपा पा अनुभव कर रहा है। यदि तू धर्म और मुशध्यान के आभित होपाय तो सू सर्व प्रकार के कर्म बधन से घटकर सिद्ध युद्ध होजायगा तथा यावन्मान पौगलिक सम्बन्ध तेरे साथ हो रहा है वह सच क्षण विनश्वर है। अतएव तुझे योग्य है कि