________________
अपनों के पास विद्यमान नहीं है । जिस प्रकार एक पूर्ण विद्वान
पुरुष है और लेखक भी अद्वितीय है परंतु ममी पात्र या
देखनी तथा पर उसके पास नहीं है तो भला फिर वह सि वसरमार समर्थ विद्वान होने पर भी पत्र लिन सक्ता है ?
अपितु नहीं लिस सक्ता । ठीक इमी प्रकार योगात्मा ग में पायात्मा के न होने से मोक्षामा सनियत्व होने पर भी
की का वय नहीं करता । जिस प्रकार हेयन सामग्री के न होने से पर नहीं लिस सत्ता किंतु लेखक क्रिया उममें विद्यमान रहती है तद्वत् मोक्षात्मा विपय जानना चाहिये।
पाठ आठवॉ।
अजीव तत्व। पश्च प्रतिपय रूप धर्म प्रत्येक पार्थ में पाया जाता है । इसी न्याय के आश्रित होकर तत्वों की मरया गिती जाती है। प्रश्न --तत्व किसे कहते हैं ? उत्तर -वस्तु के वास्तविक स्वरूप को तत्व कहते है। प्रश्न --तत्व क्तिने प्रकार से वर्णन किये गार है ? . उत्तर -नव [९] प्रभार से। ।