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उ.
प्र. 80 दस प्रकीर्णक
उ.
:
प्रकीर्णक सूत्र दस है
1. चतुः शरण 2. आतुर प्रत्याख्यान
3. महाप्रत्याख्यान 4. भक्त परिज्ञा 5. तंदुलवेतालिक (तंदुल वैचारिक) 6. गणिविद्या 7. चंद्र विजय (चंद्र विद्या) 8. देवेन्द्र स्तव 9. मरण समाधि 10. संस्तारक ।
उ.
M
में से कौन से प्रकीर्णक उत्कालिक श्रुत है ?
निम्न प्रकीर्णक उत्कालिक है
प्र. 81 छेद सूत्र किसे कहते हैं ?
उ.
1. आतुर प्रत्याख्यान 2. महाप्रत्याख्यान
3. गणिविद्या 4. चंद्र विद्या ( चंद्र विजय ) 5. देवेन्द्र स्तव 6. तंदुल
वैचारिक ।
जिन सूत्रों में साधु जीवन में करणीय कार्यों की विधि, अकरणीय कार्यों के लिए निषेध और साथ ही प्रमाद के लिए प्रायश्चित्त का विधान किया गया है, उन्हें छेद सूत्र कहते है ।
प्र. 82 छेद सूत्र कितने है नाम बताइये ?
उ.
छेद सूत्र छ:
है
5. निशीथ 6. महानिशीथ ।
मूर्तिपूजक परम्परा सभी छेद सूत्र मानती है, जबकि स्थानकवासी और
तेरापंथी परम्परा महानिशीथ और जीतकल्प को नही मानती है ।
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प्र. 83 कौन-कौन से छेद सूत्र कालिक श्रुत है ?
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1. दशाश्रुतस्कन्ध 2. वृहत्कल्प 3. व्यवहार 4. जीतकल्प
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1. दशा श्रुत स्कन्ध 2. वृहत्कल्प 3. व्यवहार 4. निशीथ 5. महानिशीथ
सूत्र, कालिक श्रुत
है
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प्र. 84 कौनसे सूत्र, मूल सूत्र कहलाते है ?
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आगमों के भेद-प्रभेद
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