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32 / भारत के दिगम्बर जैन तीर्थ (कर्नाटक)
में तीन चौबीसी तथा दिक्पाल अंकित हैं । यह राजस्थान की कला से होड़ करता है।
2. पाषाण की पान की आकृति में नवग्रह-प्रतिमा। 3. सुन्दर कल्पवृक्ष युक्त भगवान नेमिनाथ का सिंहासन।
बेलगाँव के किले में कमल बसदि के अतिरिक्त एक और मन्दिर है जो कि भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण के संरक्षण में है। इसका नाम 'चिक्क बसदि' है । कमल बसदि के पास में ही यह स्थित है। इसमें पूजन-प्रक्षाल नहीं होता। इसमें तोयंकर सुपाश्र्वनाथ की दशवीं सदी की प्रतिमा तथा ग्यारहवीं सदी की पार्श्वनाथ की प्रतिमाएँ एवं चौबीसी हैं । यह मन्दिर भी प्राचीन है। इसमें प्रवेश के लिए जो सीढ़ियाँ बनी हैं उनके दोनों ओर नर्तक-दल का सुन्दर एवं सजीव उत्कीर्णन है। मन्दिर के प्रवेशद्वार पर बहुत सूक्ष्म नक्काशी की गई है । सिरदल के ऊपर यक्षयक्षी का अंकन है। इसके सुन्दर स्तम्भ नीचे गोल और ऊपर की ओर चौकोर होते चले गए हैं । मन्दिर के ऊपरी भाग में मुंडेर पर पद्मासन में तीर्थंकर प्रतिमाएँ उकेरी गई हैं।
क़िले का कुछ भाग सेना के कब्जे में है। उपर्युक्त किले में एक और मन्दिर ध्वस्त अवस्था में दरगा के पास है। उसे भी देख लेना चाहिए। उसकी निर्माण शैली से यह सन्देह होता है कि यह भी शायद किसी समय जैन मन्दिर रहा हो तो कोई आश्चर्य की बात नहीं । यह मन्दिर उपेक्षित है अर्थात् न इसमें पूजन होती है और न ही पुरातत्त्व विभाग (शायद) इसकी देखभाल करता है। जो भी हो, इसके सम्बन्ध में अनुसन्धान की आवश्यकता है। इस मन्दिर के प्रवेशद्वार के पास पत्थर की जाली है और अप्सराओं का अंकन है । यहाँ आठ देवकूलिकाएँ हैं। उनमें कोई-न-कोई प्रतिमा अवश्य रही होगी। ये देवकूलिकाएँ मन्दिर में चारों ओर हैं। इसके अन्दरूनी भाग में चार विशाल पाषाण-स्तम्भ हैं, जिन पर सूक्ष्म नक्काशी की गई है। इसकी छत में शायद कमल का फूल उत्कीर्ण था। इसके वलयाकार भाग में मालाओं और शृखलाओं का उत्कीर्णन भी मन को मोह लेता है।
ऊपर कहा जा चुका है कि बेलगाँव कर्नाटक में जैनों का गढ़ है। बेलगाँव नगर-निगम के क्षेत्र में ही 15 दिगम्बर जैन मन्दिर हैं जिनमें आज भी पूजन होती है। क़िले के एक मन्दिर 'कमल बसदि' का परिचय ऊपर दिया जा चुका है। अन्य मन्दिरों (कुछ प्राचीन भी हैं में से कुछ का संक्षिप्त परिचय यहाँ दिया जाएगा। यदि समय हो तो इन्हें भो देख लेना चाहए । एक दो मन्दिरों के सम्बन्ध में अतिशय को भी जनश्रुति है। नगर निगम के क्षेत्र के बाहर गाँवों के मन्दिर इस संख्या में शामिल नहीं हैं।
बेलगाँव में अनेक जैन संस्थाएँ भी हैं जिनका परिचय भी संकेत रूप में दिया जाएगा।
शहर के जैन मन्दिर
शहर के जैन मन्दिरों के लिए यह अधिक उपयुक्त होगा कि किसी स्थान को एक केन्द्र मान लिया जाए और वहाँ से प्रारम्भ करके क्रम से मन्दिरों की यात्रा की जाए। ये सभी मन्दिर 10 कि० मी० के घेरे में हैं।
पूना-बंगलोर रोड, जो बेलगाँव शहर के अन्दर से गुजरता है, या जिसे इस शहर में धारवाड़ जाने वाली सड़क कहते हैं , पर स्थित है माणिकबाग दिगम्बर जैन बोर्डिंग । यह किले