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बंगलोर | 289
सौध के सामने हाईकोर्ट के अहाते से लगा हुआ है। यह पार्क भी 1864 में बना था। इसी में पब्लिक लायब्ररी और हाईकोर्ट (अत्तार कचेरी-अठारह कचहरी) भी हैं । संध्या समय 'फेयरी फाउण्टेन' पर रोशनी होती है।
4. टीपू सुलतान का महल और किला-मुख्य रूप से लकड़ी का बना टीपू का महल इस सुलतान का ग्रीष्मकालीन निवास था। क़िला पहले पहल केम्पगोडा ने बनवाया था और हैदरअली तथा टीपू सुलतान ने इसका पुनर्निर्माण कराया था।
5. संग्रहालय-कस्तूरबा रोड पर स्थित और 1886 ई. में स्थापित यहाँ का संग्रहालय काफी पुराना है। उसमें मोहेंजोदड़ो से लेकर विभिन्न युगों की प्राचीन वस्तुओं का अच्छा संग्रह है। पुरातत्त्व का यहाँ सुन्दर प्रदर्शन है।
6. कुछ अन्य संग्रहालय-यहाँ कुछ अन्य संग्रहालय आदि भी दर्शनीय हैं। विश्वेश्वरैया इण्डस्ट्रियल एण्ड टेक्नॉलॉजिकल म्यूज़ियम, वेंकटप्पा आर्ट गैलरी और न्यू आर्ट काम्प्लेक्स (अशोक होटल) इनमें प्रमुख हैं।
खरीदारी-बंगलोर सिल्क प्रसिद्ध है। उसका सबसे अच्छा केन्द्र चिकपेट है। शीशम, चन्दन, हाथीदाँत आदि की दस्तकारी की वस्तुएँ यहाँ अच्छी मिलती हैं। चन्दन की पार्श्वनाथ मति, बाहबली मूर्ति और महावीर की मूर्तियाँ बंगलोर का हमेशा स्मरण दिलाती रहेंगी। अगरबत्तियाँ, सेन्ट, चन्दन साबुन आदि बहुत-सी वस्तुएं शुद्ध रूप में सरकारी 'कावेरी एम्पोरियम' से खरीदना सबसे अच्छा है। कुछ दूरियाँ
बंगलोर से कुछ प्रमुख स्थानों की किलोमीटर में दूरी इस प्रकार है-आगुम्बे 357, ऐहोल 510, बादामी 499, बेलगाँव 502, बेलूर 222, बीदर 669, बीजापुर 579, धर्मस्थल 349, धारवाड़ 428, हलेबिड 216, हम्पी 350, हासन 185, जोग-झरने (फॉल्स) 377, कारकल 378, कोलार स्वर्ण खदानें 98, मंगलोर 357, मरकारा 253, मूडबिद्री 391, मैसूर 140, नंजगुड 164, पट्टदकल 514, श्रवणबेलगोल 158, श्रीरंगपट्टन 125 और वेणूर 383 (ये आँकड़े कर्नाटक सरकार के टूरिस्ट मेप से लिये गये हैं।) - और भी, कुछ अन्य स्थानों की भी बंगलोर से दूरी कि. मी. में नीचे लिखे अनुसार हैविजयवाड़ा 637, त्रिवेन्द्रम 728, तिरुपति 248, पाण्डिचेरी 328, मदुरै 422, मद्रास 336, हैदराबाद 563, कोचीन 520, कोयम्बटूर 333, कांचीपुरम् 2 30, ऊटी 299, रामेश्वरम् 584, कालीकट 344, शोलापुर 710, पणजी 590, नागपुर 1100, पूना 840, बम्बई 1025, औरंगाबाद 1681, अहमदाबाद 1580, और दिल्ली 2044 कि. मी.। - बंगलोर के बाद यात्रा का अगला चरण मैसूर है। मैसूर यहाँ से लगभग 140 कि. मी. की दूरी पर है । वहाँ जाने के लिए दिन में पांच एक्सप्रेस रेलें चलती हैं। सड़क-मार्ग से जाने . की सबसे अच्छी सुविधा यह है कि हर 20 मिनट के बाद बंगलोर से मैसूर के लिए बस छुटती है जो कि मैसूर जाकर ही रुकती है, बीच में कहीं नहीं रुकती।