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बंजर मंजेश्वर । 181
बंगर मंजेश्वर
(बारहवीं सदी का चौमुखा मन्दिर) केरल में आज भी जैनधर्म है यह सुनकर लोग आश्चर्य में पड़ जाते हैं। पर्यटक या यात्री चाहें तो इसकी पुष्टि मंगलोर से कुल 22 या 25 कि. मी. यात्रा करके स्वयं कर सकते हैं । वहाँ एक परिवार 12वीं सदी का चौमुखा मन्दिर सम्भालता है तो दूसरा एक परिवार एक अन्य जैन मन्दिर की देखभाल करता है। अवस्थिति एवं मार्ग
बंगर मंजेश्वर केरल के कण्णूर (Cannanore) जिले के कासरगोड. तालुक में स्थित है। कर्नाटक की सीमा पर स्थित होने के कारण यात्राक्रम में इस स्थान का उल्लेख यहीं पर कर देना उपयुक्त है।
सड़क-मार्ग द्वारा यह मंगलोर-कासरगोड मार्ग पर पड़ता है। तलपाड़ी नामक स्थान से, जो मंजेश्वर से पहले है, केरल की सीमा प्रारम्भ होती है । बस द्वारा यह लगभग 25 किलोमीटर है। .
रेलमार्ग द्वारा बंगर मंजेश्वर मंगलोर के बहुत निकट है। मंगलोर-त्रिवेंद्रम लाइन पर तीसरा रेलवे स्टेशन ‘मंजेश्वर' है। दूरी केवल 17 कि. मी.। रेलवे स्टेशन से बाहर करीब एक फर्लाग चलने पर इस गाँव का एक चौक मिलता है । चूंकि मंजेश्वर और बंगर मंजेश्वर दो स्थान हैं। इसलिए इस चौक से बंगर मंजेश्वर तक की 6 कि. मी. की यात्रा या तो आटोरिक्शा से या फिर तलपाड़ी से आनेवाली बस द्वारा करनी चाहिए। दर्शनीय स्थल
बंगर मंजेश्वर के बारे में यह कहा जाता है कि जैनधर्म-पालक बंगर नामक एक राजा यहाँ राज्य करता था इसलिए यह स्थान 'बंगर मंजेश्वर' कहलाता है।
(मंजेश्वर के दक्षिणी और उत्तरी भाग पर दो छोटे-छोटे जैन राजा राज्य करते थे। इनमें से एक का नाम बंगर राजा और दूसरे का नाम विठल राजा था। टीपू सुलतान ने बंगर राजा को फाँसी पर लटका दिया था और दूसरे को टेल्लिचेरी में शरण लेने के लिए बाध्य कर दिया था। किसी समय यह एक समृद्ध नगर था।)
___ बंगर मंजेश्वर में यात्री को कट्टा (Katta) बाज़ार में उतरना चाहिए। वहीं पर अनन्तेश्वर बस गेरेज है। उसी के सामने 'चतुर्मुखा बसदि' या मठ के अर्चक (पुजारी) का निवास है। ये लोग मलयालम, कन्नड़ या तुलु समझते हैं। पुरुष अंग्रेज़ी भी समझ लेते हैं । स्थानीय नवयुवक हिन्दी भी जानते हैं । वे भी मदद कर देते हैं। चूंकि अर्चक-परिवार के सदस्य सुबह पूजन कर मंगलोर चले जाते हैं इसलिए सुबह ही यहाँ पहुँच जाना उचित रहेगा। अधिक अच्छा यह होगा कि दोनों मन्दिरों के रक्षकों को पहले से पत्र भेजकर सूचित कर दिया जाए। दोनों के पते विवरण के अन्त में दिए गए हैं।