Book Title: Bhagwan Parshwanath ki Parampara ka Itihas Purvarddh 01
Author(s): Gyansundarvijay
Publisher: Ratnaprabhakar Gyan Pushpamala Falodi
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शरीर
भायुष्य
कुमारावस्था
दीक्षापरिवार
१
पू० सुवर्ण
राजा
लग्न हुआ
२. अक्ष पूर्व
१८,
"
लालवर्ण
सुवर्ण
श्वेत
:: :: :: :: :: : :
५० हजार पूर्व
सुव
..८४ लाख वर्ष
२१ लक्ष वर्ष
लालवर्ण
कुमार
सुवर्ण
राजा
२५.००
खी ॥कोड़
१॥ कोड़
१कोद कुमारी | नहीं हुआ। राजा हुआ
निल
श्याम
३०००० १०.००
सुवर्ण
कुमार
गौसमगौत्र काश्यप तमगौत्र কব
९ हाथ ७,
श्याम निल सुवर्ण
. 13.
७२ वर्ष
१ पुत्री
चार चार महत्तर देवियों, चार चार हजार सामानिकदेव, सोलह सोलह हजार भात्मरक्षक देव और साव सात अनिकादि देवी देवता का परिवार होता हैं।
४-इन्द्र भुवन पतियों के २० बांणमित्रों के ३२ ज्योतिषियों के २ और विमानीकों के १० सर्व ६४ इन्द्र हैं प्रभु के जन्म समय शक्रेन्द्र प्रभु के जन्म स्थान और ६३ इन्द्र मेरु पर पाते हैं। इन्द्रों का कर्तव्य कि वे प्रभुका प्रतिबिम्ब बनाना २-पांच रूपकर एक रूप प्रभुको हस्तांजलि में लेवे ३-आठहजार चौसट लसों से प्रभु का अभिषेक करावे ५-प्रभु के शरीर के गौसीस चन्देन चर्चना ५-अंग अप्र पूजा करे -वस्त्र भषण धारण करावे ७-प्रभु को माता के पास रख प्रतिविष को अपहरण करना ८-प्रमु.
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