Book Title: Bhagwan Parshwanath ki Parampara ka Itihas Purvarddh 01
Author(s): Gyansundarvijay
Publisher: Ratnaprabhakar Gyan Pushpamala Falodi
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भगवान् पार्श्वनाथ की परम्परा का इतिहास
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उपकेशपुर स्थित स्वयंभू महावीर की मूर्ति के वक्ष स्थल पर दो ग्रन्थियों थी उसको कई खुलक श्रावकों ने सुत्रधार को बुलाकर टाँकी लगाई कि उस स्थान में रक्त की धारा बहने लगी। पृष्ठ ३८९
आचार्य कक्कसूरि के अध्यक्षत्व में शान्ति स्नात्र पढाइ जिसमें अठारह गौत्र वाले स्नात्रिये बने थे । अतः सब नगर में शीघ्र शान्ति हो गई। पृष्ठ ३१२