Book Title: Bhagwan Parshwanath ki Parampara ka Itihas Purvarddh 01
Author(s): Gyansundarvijay
Publisher: Ratnaprabhakar Gyan Pushpamala Falodi
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आचार्य सिद्धसूरि का जीवन ]
[ओसवाल संवत् ५७७–५९९
पुर पधार गये और वहां अन्तिम सलेखना कर अन्त में २७ दिनों का अनशन पूर्वक समाधि से देह त्याग कर स्वर्ग पधार गये।
आचार्य श्री सिद्धसूरीश्वरजी महाराज ने अपने बावीस वर्ष के शासन काल में अनेक प्रान्तों में भ्रमण कर जैनधर्म की खूब प्रभावना एवं प्रचार बढ़ाया था पट्टावलियों आदि ग्रन्थों में आपके विषय में बहुत विस्तार से वर्णन किया है पर मैं यहाँ पर आपश्री के परोपकारी हाथों से जो जनोपयोगी कार्य हुए हैं जिनका केवल नामोल्लेख ही कर देता हूँ कि जिसको पढ़ कर उनका अनुमोदन करने मात्र से पाठकों का कल्याण हो सके।
प्राचार्य श्री के कर कमलों से भावुकों को दीक्षा १-नरवर के बलाह गौत्रीय शाह हापा ने सूरिजी के पास दीक्षाली २-डबरेल के श्रेष्टि गौत्रीय शाह फाल्गु ने , " " ३-उतोल के बाप्पनाग गौत्रीय शाह चूड़ा ने " , " ४-बारोटी के भाद्र गौत्रीय शाह देवपाल ने " " " ५-खसोटी के सुघढ़ गौत्रीय शाह चौपसी , ६-भुजपुर के लुंग गौत्रीय शाह देदा ने ७-हीगोटी के भूरी गौत्रीय शाह रामा ने , ८-सोपार के श्रादित्य नाग शाह कल्हण ने , ९-सीदली के आदित्यनाग शाह सूरजण ने। १०-देवपट्टन के तप्तभट्ठ गौ० शाह नाथा ने ११-कल्याण के बाप्पनाग गौ० शाह राजा ने १२-दक्षिण के बारह दक्षिणीयों ने १३-भद्रावती के करणाट गौत्रीय शाह भादाने , १४-उज्जैन के अष्टि गौत्रीय मंत्री करमण ने ,, १५-मधुवती के सुंचेती गौत्रीय शाह महीधर ने , १६-रूपनगर के कुमट गौत्रीय शाह धरण ने , १७-आकोर के आदित्यनाग० शाह धना ने , १८-विराट के ब्राह्मण जगदेव ने १९-उपकेशपुर के कुलभद्र गौः शाह राजा ने ,, २० -नागपुर के आदित्यनाग० शाह नारायण ने , २१-हंसावली के श्रोष्टि गोत्रीय शाह पाता ने , २२-मथुरा के बाप्पानाग गौ० शाह पोमा ने , २३-खंडला के बलाहा गौ० शाह जेता ने , २४-मुग्धपुर के डिडूगौत्रीय मंत्री कडुआने ,
भाभा
सूरिजी के हाथों से भावुकों की दीक्षा ] ..
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