Book Title: Bhagwan Parshwanath ki Parampara ka Itihas Purvarddh 01
Author(s): Gyansundarvijay
Publisher: Ratnaprabhakar Gyan Pushpamala Falodi
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आचार्य यक्षदेवसूरि का जीवन ]
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अरड़ा मरड़ार करड़ा३ फटोतिया ४ छहाडवाल ५ चेनावासह वसोहरा७ पंचालोट सापडिया ९ सौनावत् 1० वौरडेच: : वागड : २ ककुचा १३ फलसधर १४ मनोहरा १५ मंगोतिया १६ फूलपगर १७ खडनेरा ॥ ८ मिलणा रत्नपरखा २० अत्रोतिया २३ लुद्रा २ चामडिया २३ पामेला ४ तेलिया २५ बलोला २६ हरसोला २७ खेमण२८ खामाणिया २३ नागर३० साखिया । जसोहरा ३२ जडपडा ३३ बोकडा २४ कथौटिया ३५ मोकरवाड३३
परवार जाति यह भी दिगम्बर जाति है इस जाति के १८ गोत्र हैं जैसे कि १ नागणा, २ पुलकिया, ३ देवड़ा, ४ डोंगरें, ५ दोरादा, ६ जीलवाण, ७ जोसिया, ८ मीनाकर, दाकलिया, १० कुकुरणा, ११ जाणिजा, १२ मा कोरा, १३ चादीवाल, ४ मोदिया, १५ नाथाणी, १६ पुरा, १७ घोषण, १८ साजोरा गौरारा -- यह भी दिगम्बर जाति है इस जाति के २३ गोत्र है जैसे कि - १ पावइ, २ गपेली, ३ पेरिया, ४ वेद, ५ नरवेद, ६ सिमरइया, ७ कौसाडिया, ८ सौहाना, ९ जमसरिया १० चौधरी ११ जासुधा १२ चौधरी १३ कौलसा १४ वोरइया १५ दन १६ साइया १७ अवइया १८ सारक १९ चौधरी २० चौधरीडघा २९ तासटिया २२ बडसइया २३ तेतगुरा ।
इनके अलावा दिगम्बर डिरेक्टरी में कई जातियों का नाम लिखा है वे सब जातियां दिगम्बर तो नहीं हैं पर शायद कहीं पर कई व्यक्ति दिगम्बर धर्म पालते होंगे उनको दिगम्बरों ने दिगम्बर जातियों में गणना कर डाली है । जैसे कि
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१ पल्लीवाल, २ खंडेलवाल, ३ परवार, ४ पं० परवार, ५ अग्रवाल, ६ जैसवाल, ७ खैरया, ८ लमेगु, ९ गोलालार, १० फतेहपुरिया, ११ लोहिया, १२ बुदेला, १३ ओसवाल, १४ बुरले, १५ मंदिर, १६ गोलापूर्व, १७ गोलसिघड़े, १८ बुंदेला, १९ सैतवाल, २० वघेरवाल, २१ कासार २२ वदनोरा, २३ भासारी, २४ धाकड़, २५ चरनोगर, २६ चौसके, २७ कुक्करी, २८ समेवा, २९ पद्मावतीपरव, ६० अयोध्या, ३१ गंगेरवाल, ३२ विनायकिया, ३३ लाड, ३४ चौरा के परवार, ३५ जंघडापोरवार ३६ नेया, ३७ पंचवीसे, ३८ कटनेरे, ३९ परवार दशा, ४० नूतन जैन, ४१ वेरले ४२ दि० जैन, ४३ पोरवार, ४४ गोला पूर्व, ४ कृष्णपक्षा, ४६ दसा हुमड़, ४९ पलड़ीवाल, ५० भावसागर, ५१ नेया, ५२ नरसिंहपुरा दशा, दश, ५६ वीसा, ५७ नागदा दश ५८ वीसा, ५९ चितोड़ा दशा, ६२ बीसा, ३३ सेलावर, ६४ श्रावक, ६५ सादरा, ६६ वोगरा, ६७ वैश्य, ६८ इन्द्र, ६९ पुरोहित, ७० क्षत्रीय, ७१ नागर, ७२ चौघेले, ७३ मिश्र, ७४ शंखवाल, ७५ खुरशाले, ७६ हरदर, ७७ उपाध्याय, ७८ ठागर, ७९ बोगर, ८० ब्राह्मण, ८१ गान्धी, ८२ नाई, ८३ बड़ई, ८४ मोकर, ८५ सुकर, ८६ महेश्री ८७ इत्यादि ।
खंडेलवालों की ८४ जातियें ]
[ ओसवाल संवत् ५१५-५५७
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उपर जिस जाति के नीचे - -लाइन लगाई हुई है वे जातियां श्वेताम्बराचार्यों के प्रतिबोधित हैं यदि कोई व्यक्ति किसी कारण से दिगम्बरोपासक होगया हो पर वह जाति तो श्वेताम्बर ही कहलाई जायगी कई दिगम्बर जातियां भी श्वेताम्बर धर्म पालन करती हैं पर उसको हमने दिगम्बर जाति ही लिखी है ।
इति दिगम्बर सम्बन्धी इतिहास |
४७ वीसा हुमड़, ५३ बीसा, ५४ ६० चित्तोड़वीसा,
४८ पंचमा चतुर्थ, गुजर, ५ मेवाड़ा ६१ श्रीमाल दशा,
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