Book Title: Bhadrabahu Sanhita Part 1
Author(s): Bhadrabahuswami, Kunthusagar Maharaj
Publisher: Digambar Jain Kunthu Vijay Granthamala Samiti
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भद्रबाहुसंहिता
सस्ताई प्रकट होती है । वैशाखी पूर्णिमा को दिन में तेज धूप हो और रात में बिजली चमके तो आगामी वर्ष में वर्षा अच्छी होती है।
(गीष्म ऋतु: -ज्येष्ठ और आषाढ़ में साधारणतः बिजली चगके तो वर्षा नहीं होती। ज्यष्ठ मास में बिजली चमकने का हल कंवल तीन दिन घटित होता है, अवशेष दिनों में कुछ भी फल नहीं मिलता । ज्येष्ठ कृष्ण प्रतिपदा, ज्येष्ठ कृष्ण अमावस्या और पूर्णिमा इन तीन दिनों में बिजली चमकने का विशेष फल प्राप्त होता है । यदि प्रतिपदा को मध्य रात्रि के उपरान्त निरभ्र आकाश में दक्षिणउत्तर की ओर गगन करती हई बिजली दिखाई पडे तो आगामी वर्ष के लिए अनिष्टकारयः फल होता है । पूर्व-पश्चिम सन्ध्याकाल के दो घण्टे बाद तड्-तड़ करती हुई थिजली इसी दिन दिखलाई पड़े तो घोर भिश्न और शब्दरहित बिजली दिखलाई पड़े तो समयानल वर्मा होती हैं। अमावस्या के दिन दूंदा-बूंदी के साथ बिजली चमक तो जंगली जानवरों की एट, धातुओं की उत्पत्ति में कमी एवं नागरिका में प
ता है। ज्याठ-णिमा को आकाश में बिजली तङ्ताद के साथ समानतो आमामी वर्ष के लिए शुभ, समयानुकल बर्या और धनधान्य की उत्पत्ति प्रचुर परिमाण में होती है ।
द्विर्षा ऋतु-श्रावण और भाद्रपद में ताम्रवर्ण की विजली चमके तो वर्षा का अवरोध होता है । श्रावण में कृष्ण द्वितीया, प्रतिपदा, सप्तमी, एकादशी, चतुर्दशी, अमावस्या, शुक्ला प्रतिपदा, पंचमी, अष्टपी, दादनी और पूर्णिमा तिथियाँ विद्य त् निमित्त को अवगत करने के लिए विशेष महत्त्वपूर्ण है, अबशेष तिथियों में रक्त और श्वेत वर्ण की बिजली चमकने से चर्या और अन्य वर्ण की बिजली चमनने से वर्षा का अभाव होता है। कृष्ण प्रतिपदा को रात्रि में लगातार दो घण्टे तक विजली चमने तो धावण मास में वर्ग की कीद्वितीया को रह-रहकर बिजली चमक तथा गर्जन-जर्जन भी हो जो भादों में अल्पवर्षा और श्रावण के महीने में साधारण वर्ग; राप्तभी को पीले रंग की विजली चमके तथा आकाश में बादल चित्र-विविध रंग में एकत्रित हों तो सामान्य वर्षा होती है । पादशी को निरभ्र आकाश में बिजली चमके तो फसल में कमी और अनेक प्रकार से अशान्ति की सूचना सभानी चाहिए। चतुर्दशी को दिन में बिजली चमके तो उत्तम बी और रात में चमया तो साधारण वर्षा होती है । अमावस्या को हरित, नील और ताम्रवर्ण की बिजली चमक तो वर्षा का अवरोध होता है। भाद्रपद मास में कृष्णपक्ष और शुक्लपक्ष की प्रतिपदा को निरभ्र आकाश में बिजली चमयो तो अकाल की सूचना और नपाच्छादित आश में बिजली चमाती ही दिखलाई पः तोगुमाल की सनमा रापानी जाएकृष्ण पक्ष की गातमी और एकादशी को गज-तर्जन के साथ सिग्ध और रश्मियुनस बिजली चमक तो गरम गुकाल, समयानुकूल वर्षा,