Book Title: Bhadrabahu Sanhita Part 1
Author(s): Bhadrabahuswami, Kunthusagar Maharaj
Publisher: Digambar Jain Kunthu Vijay Granthamala Samiti
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भद्रबाहुसंहिता
हो तो कलह या मृत्युतुल्य कष्ट होता है। यदि उल्लू का शब्द तैजस और पवनयुक्त हो तो निश्चयत: यात्रा करने वाले की मृत्यु होती है। यदि उल्लू पहले बायीं ओर शब्द करे, पश्चात् दक्षिण की ओर शब्द करे तो यात्रा में पहले समृद्धि, सुख और शान्ति; पश्चात् कष्ट होता है । इस प्रकार के शकुन में यात्रा करने से कभीकभी मृत्यु तुल्य कष्ट भी भोगना पड़ता है।
नीलकण्ठ विचार--यदि यात्रा काल में नीलकण्ठ स्वस्तिक गति में भक्ष्य पदार्थों को ग्रहण कर प्रदक्षिणा करता हुआ दिखलाई पड़े तो सभी प्रकार के मनोरथा की सिद्धि होती है। यदि दक्षिण- दाहिनी ओर नीलकण्ठ गमन समय में दिखलाई पड़े तो विजय, धन, यश और पूर्ण सफलता प्राप्त होती है। यदि नीलकण्ठ काक को पराजय करता हुआ सामने दिखलाई पड़े तो निर्विघ्न यात्रा की सिद्धि करता है। यदि वन मध्य में रुदन करता हुआ नीलकण्ठ सामने आये अथवा भयंकर शब्द करता हुआ या घबड़ाकर पाब्द कारता हा आगे आये तो यात्रा में विघ्न आत है । धन चोरी चला जाता है और जिस कार्य की सिद्धि के लिए यात्रा की जाती है वह सफल नहीं होता। यदि यात्राकाल में नीलकण्ठ मयूर के समान शब्द यार तो यशप्राप्ति, धनलाभ, विजय एवं निविघ्न यात्रा सिद्ध होती है । गमन करने वाले व्यक्ति क आग-आगे कुछ दूर तक नीलकण्ठ के दर्शन हो तो यात्रा सफल होती है । धन, विजय और यश प्राप्त होता है । शत्रु भी यात्रा में भित्र बन जाते है तथा व भी सभी तरह की सहायता करते हैं।
खंजन विचार. यदि यात्राकाल में खंजन पक्षी हरे पत्र, पुष्प और फल युक्त वृक्ष पर स्थित दिखलाई पड़े तो यात्रा सफल होती है; मित्रों से मिलन, शुभ कार्यों की सिद्धि एवं लक्ष्मी की प्राप्ति होती है। हाथी, घोड़ा के बँधने के स्थान म, उपवन, घर का समीप, देवमन्दिर, राजमहल आदि के शिखर पर खंजन बैठा हुआ राशन दिलाई पड़े तो यात्रा सफल होती है । दही. दुध, घृत आदि को मुख में लिये हुए, संजन पक्षी दिखलाई पड़े तो नियमत: लक्ष्मी की प्राप्ति होती है। यात्रा में इस प्रकार के शुभ शकुन मिलते हैं, जिनरा चित्त प्रसन्न रहता है तथा बिना किसी प्रकार के कष्ट क यात्रा सिद्ध हो जाता है। सहनों व्यक्ति सहायक मिल जान है । छाया माहित, सुन्दर, फल-पुप्ता युक्त वृक्ष पर खंजन पक्षी दिखलाई पड़े तो लक्ष्मी की प्राप्ति के साथ विजय, यश और अधिकारों की प्राप्ति होती है। खजन कादशन यात्रा काल भबहत ही उत्तम माना जाता है। गधा, ऊंट, श्वान की पीठ पर बजन पक्षी दिखलाई पड़े अथवा अणुनि और मन्द्रे स्थान पर बैठा हुआ खंजन दिखलाई पड़े लो यात्रा में बाधाएं आती है, धनहानि होती है और पराजय भी होती है।
तोता विचार.. दि गमान समय में दाहिनी ओर या परमुख तोता दिखलाई पड़े तथा वह मधुर शब्द कार रहा हो, बन्धन मुक्त हो तो यात्रा में सभी प्रकार