Book Title: Bhadrabahu Sanhita Part 1
Author(s): Bhadrabahuswami, Kunthusagar Maharaj
Publisher: Digambar Jain Kunthu Vijay Granthamala Samiti
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त्रयोदशोऽध्यायः
से सफलता प्राप्त होती है । यदि तोता मुख में फल दबाये और बायें पैर से अपनी गर्दन खुजला रहा हो तो यात्र में बनवाया होती है । इति फल, पुष्प और पत्तों से युक्त वृक्ष के ऊपर तोता स्थित हो तो यात्रा में विजय, सफलता, धन और यश की प्राप्ति समझनी चाहिए। किसी विशेष व्यक्ति से मिलने के लिए यदि यात्रा की जाय और यात्रा के आरम्भ में तोता जयनाद करता हुआ दिखलाई पड़े तो यात्रा पूर्ण सफल होती है। यदि गमन काल में तोता बायीं ओर से दायीं ओर चला आये और प्रदक्षिणा करता हुआ-सा प्रतीत हो तो यात्रा में सभी प्रकार की सफलता समझनी चाहिए । यदि तोता शरीर को कँपाता हुआ इधर से उधर घूमता जाय अथवा निन्दित, दूषित और घृणित स्थलों पर जाकर स्थित हो जाय तो यात्रा की सिद्धि में कठिनाई होती है। मुक्त विचरण करने वाला तोता यदि सामने फल या पुष्प को कुरेदता हुआ दिखलाई पड़े तो धनप्राप्ति का योग समझना चाहिए। यदि तोता रुदन करता हुआ या किसी प्रकार के शोक शब्द को करता हुआ सामने आये तो यात्रा अत्यन्त अशुभ होती है। इस प्रकार के शकुन में यात्रा करने से प्राणघात का भी भय रहता है ।
चिड़िया विचार - यदि छोटी लाल मुनया सामने दिखलाई पड़े तो विजय, पीठ पीछे शब्द करें तो कष्ट, दाहिनी ओर शब्द करती हुई दिखलाई पड़े तो ह एवं बायीं ओर धन क्षय, रोग या अनेक प्रकार की आपत्तियों की सूचना देती है । जिस चिड़िया के सिर पर कलंगी हो, यदि वह सामने या दाहिनी ओर दिखलाई पड़े तो शुभ, बायीं ओर तथा पीठ पीछे उसका रहना अशुभ होता है। मुंह में चारा लिये हुए दिखलाई पड़े तो यात्रा में सभी प्रकार की सिद्धि, धन-धान्य की प्राप्ति, सांसारिक सुखों का लाभ एव अभीष्ट मनोरा की सिद्धि होती है यदि किसी भी प्रकार की चिड़ियाँ आपस में लड़ती हुई सामने गिर जायें तो यात्रा में कलह, विवाद, झगड़ा के साथ मृत्यु भी प्राप्त होती है। चिड़िया के परों का टूटकर सामने गिरना यात्राकर्ता को विपति को सूचना देता है। चिड़िया का लंगड़कर चलना और धूल में स्नान करना यात्रा में कष्टों की सूचना देता है।
मयुर विचार- यात्रा में मयूर का नृत्य करते हुए देखना अत्यन्त शुभ होता है । मधुर शब्द एवं नृत्य करता हुआ मयूर यदि यात्रा करते समय दिखलाई पड़े तो यह शकुन अत्यन्त उत्तम है, इसके द्वारा धन-धान्य की प्राप्ति, विजयप्राप्ति, सुख एवं सभी प्रकार के अभीष्ट मनोरथों की सिद्धिनेनी चाहिए। मथुर का एक ही झटके में उड़कर सूखे वृक्ष पर बैठ जाना यात्रा में विपत्ति की सूचना देता है ।
हामी विचार यदि प्रस्थान काल में हाथी रोड को ऊपर किये हुए दिखलाई गड़े तो यात्रा में इच्छाओं की मुर्ति होती है । यदि यात्रा करते समय हाथी का दाँत ही टूटा हुआ दिखलाई पड़े सो भय, कष्ट और मृत्यु होती है। गर्जना करता