Book Title: Bhadrabahu Sanhita Part 1
Author(s): Bhadrabahuswami, Kunthusagar Maharaj
Publisher: Digambar Jain Kunthu Vijay Granthamala Samiti
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नक्षत्र
अश्विनी
भरणी
कृतिका
रोहिणी
मृगनिर
आर्द्रा
पुनर्वसु
पुष्य
आश्लेषा
भया
देश
27 नक्षत्रों के अनुसार दुष्ट केतुओं का घातक फल
अश्मक देश धानक
किरात मीलों का घातक
उमा प्रदेश का प्रातक
शूरसेन का घातक
उशीनर (धार) वा घातक
जनजा जी (तिरहुत प्रान्त) घातक अश्मक का घातक
नगध
असिक
"
3.
अंग (वैद्यनाथ ने भुवनेश्वर तक )
-2
का धानक
पूर्वाफाल्गुनी पाण्ड्य (दिल्ली) का वातक
उमरा फा
हस्त त्रिना
अवन्ति (उज्जैन प्रान्त) दण्डक (नासिक पंचवटी) कुरुक्षेत्र का घानक
2
17
नक्षत्र
स्वाती
विशाखा
अनुराधा
ज्येष्ठा
मल
पूर्वाषाढ उत्तरापाई
श्रवण
धनिष्ठा
ਧਰਮਿ
युवा भार
इनग भार
देश
कम्बोज (कश्मीर) का घातक
अवध का घातक
पुण्ड्र (मिथिला का क्षेत्र) का घातक कान्यकुब्ज (कन्नौज) का घातक
महक तथा आन्ध्र का घातक
काशी का घातक
अर्जुनायक, यौधेय, शिवि एवं चेदि घातक कैकेय (सतलज के पीछे और व्यास
के आगे का प्रान्त) का घातक पंचनद (पंजाब) मिहल ( सीलोन )
बंग (बंगाल प्रान्त) नैमिय
"
"
25
"
किरात (भूटान और आसाम के क्षेत्र का घातक
एक विशतितमोऽध्यायः
379