Book Title: Bhadrabahu Sanhita Part 1
Author(s): Bhadrabahuswami, Kunthusagar Maharaj
Publisher: Digambar Jain Kunthu Vijay Granthamala Samiti
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पविशतितमोऽध्यायः
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अावस्या.. स तिथि का रवन मिया होता है ।
धनप्राप्ति सूचक फल - स्वप्न में हाथी, घोड़ा, बैल, सिंह के ऊपर बैठवार गमन करता हआ देखे तो शीत्र धन मिलता है। पहाड़, नमर, ग्राम, नदी और सगुद्र के देखने में भी अनुल लक्ष्मी की प्राप्ति होती है। तलवार धनप और बन्दुक त्रादि मे शत्रुओं को ध्वंग करताहना देखने में अपार धन मिलता है। स्वप्न में हाथी, घोड़ा, बल, बहाद, वृक्ष और गृह इन पर आरोहण करना हा देखने से भमि के नीचे स धन मिलता है 1 स्वप्न नख और रोम से रहित शरीर वे देखने में लक्ष्मी की प्राप्ति होती है। स्वप्न में दही, छत्र, फन, चमर, अन्न, वरव, दीपया, लाल, मुर्य, चन्द्रमा, पृाप, कागल, चन्दन, देव-पूजा, वीणा और अरत्र देखने में शीघ्र ही अर्थ-नाभ होता है। यदि स्वप्न में चिड़ियों के पर पकड कर उड़ता हुआ देखे तथा आकाशमागं में देवनाओं की अनुभि की आवाज सुने तो पृथ्वी के नीचे से शीना धन मिलता है।
सन्तानोत्पादक स्वप्नः-स्वप्न में वृषण, पानश, माला, गन्ध, चन्दन, श्वेत पुष्ध, आम, अमाद, केना, मन्नाग, नीबू और नायिल इनकी प्राप्ति होग से तथा देशमूर्ति, हाथी, गापुर, सिद्ध, गन्धर्थ, गृम, वणं, ग्ल, जी, गा, मरसों, कन्या, रक्तगान मारना, अपनी मृत्यु दाना, बना, गावक्ष, तीर्थ, तोरण, भएण, राज्यमार्ग, और मट्ठा दखन मनीष ही सन्तान की प्राप्ति होती है । किन्न फल और पृष्पों का भक्षण करना देखने से मन्जान मरण अथवा गर्भपात होता है।
मरण सूचक स्वप्न-स्वान में तैल मले हुए, नग्न होत र भैग, गधे, ऊंट, कृष्ण बल और काले घोडे पर चढ़कर दक्षिण दिशा की ओर गमन करना देखने में: रगोईगह में, लाल पुष्पों में परिपूर्ण वन में और गतिका गृह में अंगभग पुरुप का प्रवेश करना देखने में; सूलना, गाना, खलना, फोड़ना, हेगना, नदी के जल में नीचे चले जाना तथा मुर्य, चन्द्रमा, ध्वना और ताराओं का गिरना देखने से; भस्म, घी, लोह, लाग्य, गीदड़, मुर्गा, बिलाव, गोह, न्योला, विक, मकापी, सर्प और बिबाह आदि उत्सव देखने में एबं स्वप्न में दाढ़ी, मुंछ और सिर के बाल मड़वाना देखने में मृत्यु होती है।
पाश्चात्य विद्वानों के मतानसार स्वप्नों के फल-या तो पाश्चात्य विद्वानों ने अधिकांश रूप से स्वप्नों को निस्मार बताया है, पर कुछ एसे भी दार्शनिक हैं जो स्वप्नों को सार्थक बतलाते हैं। उनका मन है कि स्वप्न में हमारी कई अतप्त इच्छाएं भी चरितार्थ होती हैं। जैसे हमारे मन में कहीं भ्रमण करने की
क्या होने पर स्वप्न में यह देखना कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि हार कहीं भ्रमण कर रहे हैं । सम्भव है कि जिम इसना ने हमें ब्रमण का स्वप दिखाया है वही नालान्तर में हमें भ्रमण कराये। इसलिए स्वप्न में भावी घटनाओं का आभास मिलना माधारण बात है। कुछ विद्वानों ने इस थ्योरी का नाम सम्भाव्य गणित रक्षा