Book Title: Bhadrabahu Sanhita Part 1
Author(s): Bhadrabahuswami, Kunthusagar Maharaj
Publisher: Digambar Jain Kunthu Vijay Granthamala Samiti
View full book text
________________
चतुर्दशोऽध्यायः
259
हैं । यदि ताराओं का रंग भस्म के समान मालूम हो, दक्षिण दिशा रुदन करती हुई और उत्तर दिशा हँगती हुई-सी दिसनाई पड़े तो धन-धान्य का विनाश होता है । पशुओं की बाणी यदि मनुष्य के समान मालम हो तो धन धान्य के विनाश के साथ संग्राम की सूचना भी मिलती है । कबूतर आग्ने पंखों को बटकता हुआ जिस घर में उल्टा गिरता है, और अकारण ही मृत जैसा हो जाता है, उम घर की सम्पत्ति का विनाश हो जाता है । यदि गांद या नगर के बीस-पच्चीस नंगे बच्चे धूलि में खेल रहे हों, और वे अकस्मात् 'नष्ट हो गया 'नगट हो गया' इन शब्दों का व्यवहार करें तो उस नगर में सम्पनि रूठकर चली जाती है । रथ, मोटर, इक्का, रिक्शा, साइकिल आदि की सवारी पर चढ़ते ही कोई व्यक्ति पानी गिरात हुए दिखलाई पड़े तो भी धननाश होता है। दक्षिण दिशा की ओर मे शृगाल का रोते हुए नगर में प्रवेश करना धनहानि वा गचक है । ___वाभिाव सूचक उत्पात-गोपग ऋतु में आकाश में इन्द्रधनुष दिखलाई गरे, माघ मास में गर्मी पड़े तो उस वर्ष वर्ण नहीं होती है । वर्षा ऋन के आगमन पर कुहासा छा जाये तो उस वर्ष वर्षा या अभाव जानना चाहिए । आगद गहीन के प्रारम्भ में इन्द्रधनुष का दिखलाई पड़ना भी वर्गाभाव मुनता है । मपं वा छोड़कर अन्य जाति के प्राणी सन्तान का भक्षण करें तो वर्णाभाय और घोर मिक्ष की सूचना समझनी नाहिए । यदि चुहे लड़ते हुए दिखलाई पड़े, रात के समय श्वेत धनुष दिग्वलाई दे, सूर्य में छेद मालूम पह, चन्द्रमा टूटा हुआ-मा दिग्बलाई पड़े, धूलि में चिड़ियाँ स्नान करें और सूर्य के अन्त होते समय सूय के पास ही दूसरा उद्योतवाला मूर्य दिखाई दे तो वभाव होता है तथा प्रजा को कष्ट उठाना पड़ता है।
___ अग्निभय मुचक उत्पात-गवे काठ, तिनया, घाम आदि का भक्षण कर । घोड़े सूर्य की ओर मुंह यार हीमा लमें तो दोन महीना में नगर में अग्नि का प्रकोप
होता है। घोड़ों का जाल में हींसना गायों का अग्नि चाटना, या ग्लाना, सूग्य वृक्षों का स्वयं जल उठना, पत्रकार यालाही मग स्वायं धुआं निगलना, लड़कों का आग से खेल बरना, या खलने-जलते बच्चे स ग भाग ले जायें, पक्षी आकाश में उड़ते हुए अकस्मात् गिर जायें तो उस गांच या नगर में पांच दिन लेकर तीन महीने तक अग्नि या प्रकोप होता है।
राजनीतिक उपद्रव सूचक-जिस रवान गर मनुप्य गाना गा रहे हो, बहाँ गाना सुनने के लिए यदि घोड़ी, हथिनी. कृतियाँ एका हा तो गजनीतिक उपद्रव हात हैं। जहां बच्चे खेलन-खेलते आपस में लड़ाई कारें, क्रोध झगड़ा आरम्भ करें वहाँ युद्ध अवश्य होता है तथा राजनीति के मुखियों में आपस में फूट पड़ जाने में देश की हानि भी होती है । विना बैला का हल यदि आप में आग खड़ा होकर नाचन लगे तो परचक्र - जिग पार्टी का शासन है, उसग विपरीत पार्टी का शासन होता