________________ पृष्ठांक सूत्रांक विषय 40 दंड आदि सुधरवाने का प्रायश्चित्त 41-46 पात्र सीने जोड़ने का प्रायश्चित्त एक या तीन थेगली, विधि-अविधि की व्याख्या, बंधन संख्या स्वरूप, तीन से अधिक बंधन की परिस्थिति। 21 22-24 24.27 47-56 वस्त्र सोने जोडने का प्रायश्चित्त थेगली की आवश्यकता, अविधि सीवन, गांठ कब और कैसी लगाना, सीने की आवश्यकता, प्रविधि के प्रायश्चित्त, अधिक जोड़, सारांश / गृहस्थ से धूआ उतरवाने का प्रायश्चित्त धुंआ उतारने की विधि, धूंए का औषध रूप उपयोग पूतिकर्म दोष का प्रायश्चित्त तीन प्रकार के पूतिकर्म, उपसंहार वाक्य, परिहारट्ठाणं का अर्थ / उद्देशक का सूत्र क्रमांक युक्त सारांश किन-किन सूत्रों का विषय अन्य आगमों में है अथवा नहीं है उद्देशक 2 58 29-30 - 3 दंडयुक्त पावनोंछन सम्बन्धी प्रायश्चित्त / पादपोंछन का अर्थ, आगमों में इसके विभिन्न उपयोग, काष्ठदंड कब, रजोहरण एवं पादपोंछन सम्बन्धी भ्रम, आगमों से इनकी भिन्नता सिद्धि, काष्ठदंड युक्त पादपोंछन की काल मर्यादा, औपग्रहिक उपकरण / इत्रादि सूघने का प्रायश्चित्त 10-13 पदमार्ग आदि स्वयं बनाने का प्रायश्चित्त मच्छरदानी बनाना प्रायश्चित्त कार्य है, रखना प्रायश्चित्त कार्य नहीं। 14-17 सूई आदि को स्वयं सुधारने का प्रायश्चित्त अल्पतम कठोर भाषा बोलने का प्रायश्चित्त अल्पतम कठोर भाषा का स्वरूप, कठोर भाषा के पांच उदाहरण, कठोर भाषा का अपवाद एवं विकल्प। अल्पतम झूठ बोलने का प्रायश्चित्त अल्प भूठ के उदाहरण / Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org