________________ सूत्रांक विषय पृष्ठांक 67 शरीर से पसीना-मैल हटाने का प्रायश्चित्त शब्द व्याख्या, समर्थ-असमर्थ साधक की अपेक्षा विवेक / आंख, कान, नाक और नख का मैल निकालने का प्रायश्चित्त 82-83 कारण-अकारण वा विवेक ज्ञान, मैल निकालने के अपवाद / मस्तक ढांक कर कहीं भी जाने का प्रायश्चित्त 83-86 लिंग विपरीतता, अपवाद वर्णन, प्रचलित परम्परा, शरीर परिकर्म के कुल 54 सूत्रों की तालिका, अन्य उद्देशकों में नव बार 54 सूत्र, सकारण-अकारण में प्रायश्चित्त विकल्प, शरीर उपकरण सम्बन्धी आगम प्रमाणों से विश्लेषण, सकारण के निर्णय के अधिकारी की योग्यता एवं उसका स्वतन्त्र विचरण / 70 वशीकरण करने का प्रायश्चित्त 86-87 71-79 अकल्पनीय स्थानों में मल-मूत्र परठने का प्रायश्चित्त 87-90 सूत्र का मुख्य विषय, शब्दों के अर्थ, "गोलेहणिया" का विशिष्टार्थ, मूल पाठ की विचारणा, परठने के प्रविवेक से दोषोत्पत्ति, विवेक' ज्ञान / 80 धूप न आने वाले स्थान में मल-विसर्जन करने का प्रायश्चित्त "अणुग्गए सूरिए" शब्द का सही आशय, उपाश्रय में या स्थंडिलभूमि में मल-त्याग का विवेकज्ञान, कृमिविवेक / उद्देशक का सूत्र क्रमांक युक्त सारांश किन-किन सूत्रों का विषय अन्य आगमों में है अथवा नहीं है उद्देशक--४ 92-93 93-94 95-96 97-98 1-5 राजा आदि को वश में करने का प्रायश्चित्त प्रशस्त-अप्रशस्त प्रयत्न, हानि और लाभ, इस विषय में सूत्रकृतांगसूत्र का विधान / 6-10 राजा आदि को प्रशंसा करने का प्रायश्चित्त पूर्व सूत्रों से सम्बन्ध एवं किसी को वश में करने का एक तरीका / 11-15 राजा आदि को आकर्षित करने का प्रायश्चित्त 'अत्थीकरेइ' अनेक अर्थों में, प्रासंगिक अर्थ, अन्य शब्दार्थ / 16-30 ग्राम-रक्षक आदि को वश में करने आदि का प्रायश्चित्त शब्दार्थ, सूत्र संख्या एवं क्रम की विचारणा। सचित्त धान्य या बीज आदि खाने का प्रायश्चित्त "कसिण" शब्द की व्याख्या, अचित्त अखण्ड धान्य खाने के आगम प्रमाण / 98-100 31 100-101 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org