________________ बारहवाँ उद्देशक] [285 गृहस्थ से साध्वी की चद्दर सिलाना नहीं। उदकभाजन से आहार लेने का निषेध / 34-41 गोबर तथा विलेपन पदार्थ को रात्रि में ग्रहण करने आदि का निषेध आगमों में नहीं है किन्तु औषध-भेषज के संग्रह का निषेध / प्रश्न. श्रु. 2 अ. 5 सू. 7 में है / 42-43 विहार में गृहस्थ से भारवहन कराने का तथा उसे पाहार देने का निषेध / // बारहवां उद्देशक समाप्त / / Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org