________________ 432] [निशीथसूत्र 11. जे भिक्खू मासियं वा जाव पंचमासियं वा एएसि परिहारट्टाणं अण्णयरं परिहारट्ठाणं पडिसेवित्ता आलोएज्जा अपलिउंचिय आलोएमाणस्स मासियं वा जाव पंचमासियं वा। पलिउंचिय आलोएमाणस्स दो मासियं वा जाव छम्मासियं वा / तेण परं पलिउंचिए वा अपलिउंचिए वा ते चेव छम्मासा / 12. जे भिक्खू बहुसो वि मासियं वा जाव बहुसो वि पंचमासियं वा एएसि परिहारट्ठाणाणं परं परिहारहाणं पडिसेवित्ता आलोएज्जा अपलिउंचिय आलोएमाणस्स मासियं वा जाव पंचमासियं वा, पलिउंचिय आलोएमाणस्स दो मासियं वा जाव छम्मालियं वा / तेण परं पलिउंचिए वा अपलिउंचिए वा ते चेव छम्मासा। 13. जे भिक्खू चाउम्मासियं वा, साइरेग-चाउम्मासियं वा, पंचमासियं वा साइरेग-पंचमासियं वा, एएसि परिहारट्ठाणाणं अण्णयरं परिहारट्ठाणं पडिसेविता आलोएज्जा। अपलिउंचिय आलोएमाणस्स चाउम्मासियं वा, साइरेग-चाउम्मासियं वा पंचमासियं वा साइरेग-पंचमासियं वा, पलिउंचिय आलोएमाणस्स पंचमासियं वा, साइरेग पंचमासियं वा, छम्मासियं वा, तेण परं पलिउंचिए वा अपलिउंचिए वा ते चेव छम्मासा / 14. जे भिक्खू बहुसो वि चाउम्मासियं वा, बहुसो वि साइरेग-चाउम्मासियं वा, बहुसो वि पंचमासियं वा, बहुसो वि साइरेग-पंचमासियं वा, एएसि परिहारट्ठाणाणं अण्णयरं परिहारट्ठाणं पडिसेवित्ता आलोएज्जा-- अपलिउंचिय आलोएमाणस्स चाउम्मासियं वा, साइरेग-चाउम्मासियं वा, पंचमासियं वा, साइरेग-पंचमासियं वा, पलिउंचिय आलोएम्माणस्स पंचमासियं वा, साइरेग-पंचमासियं वा छम्मासियं वा / तेण परं पलिउंचिए वा, अपलिउंचिए वा ते चेव छम्मासा। 1. एक भिक्षु एक बार मासिक-परिहारस्थान की प्रतिसेवना करके आलोचना करे तो उसे माया-रहित पालोचना करने पर एक मास का प्रायश्चित्त पाता है और माया-रहित आलोचना करने पर दो मास का प्रायश्चित्त आता है। 2. जो भिक्षु एक बार द्विमासिक परिहारस्थान की प्रतिसेवना करके पालोचना करे तो उसे माया-रहित पालोचना करने पर द्वैमासिक प्रायश्चित्त आता है और माया-सहित अालोचना करने पर त्रैमासिक प्रायश्चित्त पाता है / 3. जो भिक्षु एक त्रैमासिक परिहारस्थान की प्रतिसेवना करके पालोचना करे तो माया Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org