________________ 430] 14 16-17 18-19 [निशीथसूत्र चारों कालों में स्वाध्याय नहीं करना अतिचार कहा है --प्राव. अ. 4 अस्वाध्याय में स्वाध्याय करने का निषेध -व्य व. उ.७ अपनी शारीरिक अस्वाध्याय में स्वाध्याय करने का निषेध --व्य व. उ.७ आगमों के वाचना-क्रम का विधान ----व्यव. उ. 10 अपात्र को वाचना देने का निषेध एवं पात्रको वाचना देने का विधान -बृहत्कल्प उ. 4 अव्यक्त को वाचना देने का निषेध और व्यक्त को वाचना देने का विधान ---व्यव.उ.१० 20-21 9-10 11 इस उद्देशक के 23 सूत्रों के विषय का कथन अन्य आगमों में नहीं है, यथासूत्र 1-5, 7 औषध सम्बन्धी उक्त समस्त वर्णन अन्यत्र नहीं है / कालिकश्रुत की 9 गाथाओं एवं दृष्टिवाद को 21 गाथाओं को उच्चारण करने का विधान चार महामहोत्सवों में स्वाध्याय करने का निषेध 22 वाचना देने में पक्षपात नहीं करना अदत्त वाचना ग्रहण नहीं करना 24-35 मिथ्यात्व भावित गृहस्थों को एवं पावस्थादि को वाचना नहीं देना और उनसे वाचना नहीं लेना। // उन्नीसवां उद्देशक समाप्त // 23 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org