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आकार
आकार
परि. अट्ठ. 211; - रत्थ पु.. तत्पु. स. [आकारार्थ]. आकार, स्वरूप या नमूना का अर्थ, 'इस स्वरूप का', 'इस तरह का अर्थ - त्थो प्र. वि., ए. व. - यो पन एवन्ति च मेति च वुच्चमानो आकारत्थो, उदा. अट्ठ. 13; - थेन. तृ. वि., ए. व. - तत्थ आकारत्थेन एवं सद्देन एतमत्थं दीपेति, दी. नि. अट्ठ. 1.28; - त्थे सप्त. वि., ए. व. - आकारत्थे पकारत्थे विभागत्थे तेहि आकारादीहि वज्जिते... होति, सद्द. 3.804; - कोविद त्रि., तत्पु. स. [आकारकोविद], कारणों या प्रयोजनों को जानने वालानिदानं आकारं कोविदो, पुब्बापरं च न जानाति, परि. 313; पाठा. आकारकोविदो - दस्सन नपुं.. तत्पु. स. [आकारदर्शन], आकार-प्रकार या स्वरूप का सङ्केत, प्रकार या पद्धति को दिखलाना - नं प्र. वि., ए. व. - इदहि उद्दिसनेन... पेतानं अत्तनो ञातीनं थोमनाकारदस्सनं, पे. व. अट्ठ. 23; - दस्सनक त्रि., आकार या स्वरूप को दिखलाने वाला, आकार या स्वभाव का संकेतक - का पु., प्र. वि., ब. व. - ... कामस्सादसंयुत्ताकारदस्सनका अभिनया, स. नि. अट्ठ. 3.141; -- नानत्त नपुं., भाव. [आकारनानात्व], आकार या स्वरूप की अनेकता या विविधरूपता - त्तेन तृ. वि., ए. व. - आकारनानत्तेन पन वेनेय्यवसेन च उपचयो... नत्थि, ध. स. अट्ट, 359; - तो प. वि., ए. व. - आकारनानत्ततो पन वेनेय्यवसेन च “उपचयो सन्तती ति उद्देसदेसना कता, विसुद्धि. 2.76%3;
आकारनानत्तत्तोति जातिरूपरस पवत्तिआकारभेदतोति अत्थो, विसुद्धि. महाटी. 2.96; - वृत्तमाकारनानत्ता, वेनेय्यानं वसेन वा, अभि. अव. 90; - निदस्सन नपुं.. तत्पु. स. [आकारनिदर्शन], आकार या स्वरूप का प्रकाशन, उदाहरण का संकेत- नं प्र. वि., ए. व. - ... एत्थ आकारत्थेन एवं सद्देन दातब्बाकारनिदस्सनं कतं होति, खु. पा. अट्ठ. 165%; - निद्देस पु., तत्पु. स. [आकारनिर्देश], स्वरूप, आकार- प्रकार अथवा पद्धति का विवेचन - सो प्र. वि., ए. व. - तेनस्सायं आकारनिद्देसो, स. नि. अट्ठ. 2.10; तस्स नानाकारनिद्देसो, दी. नि. अट्ट, 1.29; - निरोध पु., तत्पु. स. [आकारनिरोध], जन्म की कारणभूत (इच्छा आदि) मानसिक प्रवृत्तियों का निरोध या समाप्ति - धा प. वि., ए. व. - आकारनिरोधा दण्डनिरोधो, पेटको. 239; - पञत्ति स्त्री.. तत्पु. स. [आकारप्रज्ञप्ति], आकार-प्रकार का संकेत या संसूचन-त्ति प्र. वि., ए. व. - एवन्ति हि अयमाकारपञत्ति, दी. नि. अट्ठ. 1.29; - परिच्छेद पु.,
तत्पु. स. [आकारपरिच्छेद], दशाओं या अवस्थाओं का निश्चायन अथवा परिसीमन, अवस्थाओं का निर्धारण - दं द्वि. वि., ए. व. - इतिपीति इमिना तेसं पण्डितादिआकारपरिच्छेदं दस्सेति, अ. नि. अट्ठ. 2.142; -- परिवितक्क पु., तत्पु. स. [आकारपरिवितर्क], कारणों के विषय में अनुचिन्तन, अवस्था या दशा के विषय में सोचविचार – क्को प्र. वि., ए. व. - या तथाभूतरस खन्ति रुचि पेक्खना आकारपरिवितक्को दिट्ठिनिज्झायना अभिप्पसन्ना, पेटको. 255; - क्केन तृ. वि., ए. व. - मा आकारपरिवितक्केन, अ. नि. 1(1).217; मा आकारपरिविक्केनाति सुन्दरमिदं कारणन्ति एवं कारणपरिवितक्केनपि मा गण्हित्थ अ. नि. अट्ठ. 2.176; - क्का प. वि., ए. व. - अञत्र अनुस्सवा अञ्जत्र आकारपरिवितक्का .... म. नि. 3.21; - पवत्ति स्त्री., तत्पु. स. [आकारप्रवृत्ति], अवस्थाओं का प्रकाशन, स. प. के अन्त. - लक्खणादितो पनेत्थ हिताकारप्पवत्तिलक्खणा मेत्ता, ध. स. अट्ठ. 237; - पुच्छा स्त्री., तत्पु. स. [आकारपृच्छा], आकार-प्रकारों या अवस्थाओं के विषय में प्रश्न - च्छा प्र. वि., ए. व. - आकारपुच्छाति गिहिलिङ्गे वा तित्थियलिङ्गे वा पब्बजितलिङ्गे वा, परि. 325; - भावनिद्देस पु., तत्पु. स. [आकारभावनिर्देश], आकारप्रकारों तथा भावों के विषय में कथन या इनका विवेचन - सा प्र. वि., ब. व. - मञ्जना मञितत्तन्ति आकारभावनिद्देसा, ध. स. अट्ठ. 397; - वचन नपुं. तत्पु. स. [आकारवचन], रूप की अवस्थाओं को कहने वाला शब्द - नं प्र. वि., ए. व. - पठम लक्खणवचनं, दुतियं आकारवचनं, विसुद्धि. 1.340; - विकार पु., तत्पु. स. [आकारविकार], रूप या इसकी अवस्थाओं में आने वाला विकार - रो प्र. वि., ए. व. - आकारविकारो कायवित्ति, विसुद्धि. 2.75; चित्तसमुहानाय ... रूपकायं ... भवितुं समत्थो एको आकारविकारो अस्थि, अयं वित्ति नाम, ध. स. अट्ठ. 128; - सङ्घात त्रि., ब. स. [आकारसंख्यात], आकार नाम वाला, आकार नाम से प्रसिद्ध - तेहि तृ. वि., ब. व. - एतेहि पन वीसतिया आकारसवातेहि अरेहि वीसतिआकारान्ति वेदितब्ब, विसुद्धि. 2.212; - सण्ठान नपुं., तत्पु. स. [आकारसंस्थान], आकार और इसका ढांचा - ना प. वि., ए. व. - यस्मा विनापि आकारसण्ठाना आरम्मणस्स ... पाकटं होति, स. नि. अट्ठ. 2.260; - समूह पु., [आकारसमूह]. अनेक अवस्थाओं या लक्षणों का समूह स.
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