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२२ ]
[ मुहूर्तराज
॥ अथ मुहूर्तराज ॥ -: अनुक्रमणिका :
क्र.सं.
शीर्षक नाम
पृष्ठ सं.
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१ अथ शुभाशुभ प्रकरण (१) मंगलाचरण २ शकात् संवत्सरज्ञानम् ३ अयन ज्ञानम् ४ रवेः उत्तरायणं समस्त शुभ कृत्येषु
सत्फलदम् ५ दक्षिणायन में क्रूरदेव स्थापना दि कर्तव्यता ६ ऋतुज्ञानम् ७ क्षयाधिक मास ज्ञान ८ चान्द्रमास १ क्षय एवं अधिकमासों में वर्जनीय कार्य १० मलमास ११ मलमास में वर्ण्य कार्य १२ नियतकालिक कार्यों में मलमासादि दोषाभाव १३ रौरवकाल योग एवं शुभकृत्य
(तिथि विचार) १४ तिथि संज्ञा १५ पक्षानुसार तिथियों में विशेषता ज्ञापक सारणी १६ दग्धातिथिनामक पंचागदोष १७ दग्धातिथिफल १८ प्रतिपदादि तिथियों के स्वामी १९ तिथि वृद्धि क्षय लक्षण २० वृद्धि क्षयतिथि उदाहरण २१ आवश्यककृत्य में तिथि वृद्धि क्षयदोषाभाव
क्र.सं. शीर्षक नाम २६. मंगल एवं शनिवार को कुछेक कार्यों
में अशुभता २७ वार प्रवृत्ति २८ वारों की कालहोराएँ
होरा प्रयोजन ३० होरा फल ३१ वार वेला ज्ञान ३२ वार वेला ज्ञापक सारणी ३३ वारों में छाया लग्न ज्ञान ३४ रवि आदि वारों की सिद्धच्छाया
ज्ञापक सारणी ३५ समस्त शुभकृत्यों में मंगल का त्याग ३६ दिन एवं रात्रि के चौघड़ियों का ज्ञान ३७ दिन एवं रात्रि चतुर्घटिका सारणी
(नक्षत्र विचार) ३८ नक्षत्र वर्ण, राशि एवं स्वामी ज्ञापक सारणी ३९ नक्षत्रों के स्वामी ४० ध्रुव संज्ञक नक्षत्र तथा उनमें करने
योग्य कार्य ४१ चर संज्ञक नक्षत्र एवं तत्कृत्य ४२ उग्र संज्ञक नक्षत्र एवं तत्कृत्य ४३ मिश्र संज्ञक नक्षत्र एवं तत्कृत्य ४४ लघु संज्ञक नक्षत्र एवं तत्कृत्य ४५ मृदु संज्ञक नक्षत्र एवं तत्कृत्य ४६ तीक्ष्ण संज्ञक नक्षत्र एवं तत्कृत्य ४७ अधोमुख न, नक्षत्र एवं तत्कृत्य ४८ ऊर्ध्वमुख न. नक्षत्र एवं तत्कृत्य ४९ तिर्यड्मुख न. नक्षत्र एवं तत्कृत्य
(वार-विचार) २२ शुभाशुभ संज्ञक वार २३ वारानुसार निषिद्ध तिथियाँ, नक्षत्र २४ मृतसंज्ञक तिथि-दग्ध नक्षत्र सारणी २५ क्रूरवारों में करने योग्य कार्य
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