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पिण्डनियुक्ति : एक पर्यवेक्षण
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नियुक्ति का स्वरूप नियुक्ति का प्रयोजन नियुक्तियों की संख्या नियुक्ति-रचना का क्रम आचार्य गोविंद एवं उनकी नियुक्ति पिण्डनियुक्ति का कर्तृत्व एवं रचनाकाल पिण्डनियुक्ति का स्वतंत्र अस्तित्व नियुक्ति और भाष्य का पृथक्करण : एक विमर्श पिण्डनियुक्ति की विषयवस्तु एवं वैशिष्ट्य
• भाषा-शैली
• कथाओं का प्रयोग पिण्डनियुक्ति का व्याख्या-साहित्य
• मूलटीका एवं वृद्धव्याख्या। • पिण्डनियुक्ति भाष्य। • मलयगिरीया टीका। • पिण्डनियुक्ति अवचूरि। • वीराचार्य कृत टीका।
• माणिक्यशेखर कृत दीपिका। पिण्डनियुक्ति पर पूर्ववर्ती ग्रंथों का प्रभाव पिण्डनियुक्ति का परवर्ती __ अन्य ग्रंथों पर प्रभाव स्थावरकायों की सचित्तता-अचित्तता : एक विमर्श • पृथ्वीकाय। • अप्काय। • तेजस्काय। • वायुकाया
• वनस्पतिकाय। भिक्षाचर्या भिक्षावृत्ति एवं भीख में अंतर मुनि के लिए भिक्षा कितनी बार
५ एषणा एवं उसके दोष ६ उद्गम दोष
• अविशोधि एवं विशोधि कोटि। १० आधाकर्म
• आधाकर्म के द्वार। • आधाकर्म के नाम। • आधाकर्म के एकार्थक।
* अध:कर्म। * आत्मघ्न।
* आत्मकर्म। • किसके लिए निर्मित आहार आधाकर्म। ५५ • आधाकर्म क्या है? • स्वपक्ष और परपक्ष। • आधाकर्म ग्रहण की भूमिकाएं। • आधाकर्म ग्रहण के दोष। • कल्पत्रय से आधाकर्म की शुद्धि। ६० • आधाकर्म का परिहार। • तीर्थंकरों के काल में
आधाकर्म ग्रहण का नियम।
• आधाकर्म ग्रहण के अपवाद। औद्देशिक
• ओघ औद्देशिका • ओघ औद्देशिक जानने की विधि। • विभाग औद्देशिका
* उद्दिष्ट * कृत
* कर्म पूतिकर्म दोष
• उपकरणपूति। • आहारपूति। • भक्तपानपूति। • सूक्ष्मपूति।
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