Book Title: Agam 40 Mool 01 Aavashyak Sutra Part 01
Author(s): Bhadrabahuswami, Kusumpragya Shramani
Publisher: Jain Vishva Bharati
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१६०.
१६१-१६३.
१६३ / १ - १२.
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२०३/४-७.
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तीर्थंकरों का प्रत्याख्यान एवं सामायिक आदि संयम । तीर्थंकरों का छद्मस्थ- काल ।
तीर्थंकरों की ज्ञानोत्पत्ति का नक्षत्र एवं तिथि । तीर्थंकरों की ज्ञानोत्पत्ति का स्थान ।
तीर्थंकरों की ज्ञानोत्पत्ति का समय ।
ज्ञानोत्पत्ति के समय तीर्थंकरों का तप ।
तीर्थंकरों की शिष्य-संपदा ।
तीर्थंकरों के श्रावक आदि का प्रथमानुयोग में निर्देश ।
सभी तीर्थंकरों के तीर्थ की स्थापना प्रथम समवसरण में, महावीर की द्वितीय समवसरण
में।
किस तीर्थंकर के कितने गण ?
तीर्थंकरों के गणधरों की संख्या ।
तीर्थंकर के धर्मोपाय का स्वरूप ।
तीर्थंकरों की दीक्षा - पर्याय का काल ।
तीर्थंकरों के कुमारकाल एवं राज्यकाल का उल्लेख ।
तीर्थंकरों का आयुष्य - काल ।
निर्वाण के समय किस तीर्थंकर के कितनी तपस्या ?
तीर्थंकरों का निर्वाण-स्थल ।
तीर्थंकरों के साथ कितने-कितने व्यक्तियों का निर्वाण । सभी तीर्थंकरों का वर्णन प्रथमानुयोग से ज्ञातव्य ।
ऋषभ का समुत्थान तथा मरीचि का उत्थान आदि......... ।
ऋषभ से सम्बन्धित द्वारगाथा ।
ऋषभ की दीक्षा कब ? कहां ?
ऋषभ के साथ प्रव्रजित चार हजार मुनियों का संकल्प । ऋषभ का घोर अभिग्रह और विहारचर्या ।
नमि - विनमि को राज्य एवं विद्यादान ।
भगवान् का वर्षीतप और भिक्षार्थ घर-घर में गमन । तीर्थंकरों की प्रथम भिक्षा कब ?
तीर्थंकरों के पारणक में प्राप्त द्रव्यों का उल्लेख ।
प्रथम पारणक के समय देवों द्वारा दिव्यवृष्टि एवं दिव्यघोष । ऋषभ का प्रथम पारणक एवं अनेक विधियों का प्रारम्भ । तीर्थंकरों के प्रथम पारणक के नगर ।
तीर्थंकरों के प्रथम दानदाताओं के नाम ।
आवश्यक निर्युक्ति
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