Book Title: Agam 40 Mool 01 Aavashyak Sutra Part 01
Author(s): Bhadrabahuswami, Kusumpragya Shramani
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 349
________________ 290 आवश्यक नियुक्ति हाटी. मटी. महेटी. कोटी. संपादित ३६३/२. ३६४. ५९२ ३६५. ३६६. ५९३ ५९४ ५९२ ५९३ ५९४ ३६७. ५९५ ५९६ ५९५ ५९६ ३६८. ५९६ ५९७ ४३३/२००६ ४३४/२००७ ४३५/२००८ ४३६/२००९ ४३७/२०१० ४३८/२०११ ४३९/२०१२ ४४०/२०१३ ४४१/२०१४ ४४२/२०२० ४४३/२०२३ ४४४/२०७९ ३६९. ५९७ ३६९/१. ३७०. ५९८ ९ ३७१. ५९९ ६०० ६०० ६०१ ६०१ ३७२. ३७३. ३७४ ३७५. ३७६. ६०२ ६०२ ६०३ ६०३ दीपिका | स्वोपज्ञ ४३३/१९८६ ४३४/१९८७ ५९४ ४३५/१९८८ ५९५ ४३६/१९८९ ४३७/१९९० ५९७ ४३८/१९९१ ४३९/१९९२ ४४०/१९९३ ४४१/१९९४ ६०० ४४२/२००० ६०१ ४४३/२००३ ६०२ ४४४/२०५९ ६०३ ४४५/२०६१ ६०४ ४४६/२०६४ ४४७/२०६५ ६०६ ४४८/२०९९ ४४९/२१०० ६०८ ४५०/२१०३ ६०९ ४५१/२१०४ ६१० ४५२/२१४१ ४५३/२१४२ ४५४/२१४३ ६१३ ४५५ /२१४४ ६१४ ४५६/२२२४ ६१५ ४५७/२२२५ ४५८/२२२६ ६१७ ४५९/२२२७ ६१८ ४६०/२२५६ | ४६१/२२५७ ६०४ ६०५ ६०५ w ३७७. ३७८. ६०६ ६०६ ६०७ ३७९. ६०७ ६०७ ३८०. کیا ६०८ کا ६०९ 1/१६०४ 1/१६०६ 1/१६०९ 1/१६१० 1/१६४४ 1/१६४५ /१६४८ 1/१६४९ 1/१६८६ 1/१६८७ 1/१६८८ 1/१६८९ //१७६९ //१७७० 1/१७७१ | 7/१७७२ | 1/१८०१ १८०२ کد ६१० ६११ ३८१. ३८२. ३८३. ३८४. ३८५. ३८६. ३८७. ६१२ ६११ ६१२ ६१२ ६१३ ६१४ ६१४ ६१५ ६१५ ६१६ ३८८. ६१६ ६१६ ६१७ ६१६ ३८९. ३९०. १. मटी में ६१७ के स्थान पर ६१६ का क्रमांक पुनरुक्त हुआ है। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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