Book Title: Agam 40 Mool 01 Aavashyak Sutra Part 01
Author(s): Bhadrabahuswami, Kusumpragya Shramani
Publisher: Jain Vishva Bharati
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कथाएं
१. गोकुल का धनी कुचिकर्ण। २. कछुए का शोक। ३. दोष-निवारण। ४. जामाताओं की परीक्षा। ५. गणिका की बुद्धिमत्ता। ६. अमात्य की अनुप्रेक्षा। ७. विनीत-अविनीत का परीक्षण। ८. चित्रकार। ९. अंधा और पंगु। १०. कुब्जा ११. स्वाध्याय १२. बधिरोल्लाप १३. ग्रामीण १४. श्रावकभार्या १५. साप्तपदिक १६. कोंकण देश का बालक। १७. नेवला १८. कमलामेला १९. शांब का साहस। २०. श्रेणिक का क्रोध। २१. रोगग्रस्त गाय २२. चन्दनकन्था २३. चेटी-सखी २४. टंकणक २५. शैलघन २६. गाय २७. आभीर दंपती २८. ग्रामचिन्तक (महावीर को सम्यक्त्व-लाभ) २९. दो वणिग् मित्र (विमलवाहन) ३०. धन सार्थवाह (ऋषभ का पूर्वभव) ३१. ऋषभ का जन्म
३२. इक्ष्वाकु वंश की स्थापना। ३३. ऋषभ का विवाह। ३४. ऋषभ का राज्याभिषेक। ३५. ऋषभ द्वारा प्रशिक्षण। ३६. ऋषभ का अभिनिष्क्रमण। ३७. नमि-विनमि की याचना। ३८. ऋषभ का पारणा। ३९. भगवान् का तक्षशिलागमन तथा कैवल्यप्राप्ति । ४०. चक्ररत्न की उत्पत्ति। ४१. मरुदेवा की सिद्धि। ४२. भरत का विजय-अभियान। ४३. बाहुबलि को कैवल्य। ४४. भरत का भगवान् के पास आगमन और
यज्ञोपवीत का प्रवर्तन। ४५. शक्रोत्सव का प्रारम्भ। ४६. ऋषभ का निर्वाण। ४७. भरत को कैवल्य-प्राप्ति । ४८. मरीचि का भव-भ्रमण ४९. त्रिपृष्ठ वासुदेव ५०. भगवान् महावीर का गर्भ-संहरण और जन्म। ५१. बालक महावीर की देव द्वारा परीक्षा। ५२. ऐन्द्र व्याकरण का प्रारम्भ। ५३. महावीर का अभिनिष्क्रमण। ५४. देवदूष्य का परित्याग (१) ५५. अनुकूल उपसर्ग ५६. ग्वाले का उपद्रव ५७. सिद्धार्थ देव का आगमन। ५८. प्रथम वर्षावास की प्रतिज्ञाएं। ५९. शूलपाणि यक्ष का पूर्वभव। ६०. शूलपाणि यक्ष का उपद्रव। ६१. उत्पल द्वारा स्वप्नों का अर्थ-कथन।
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