Book Title: Agam 40 Mool 01 Aavashyak Sutra Part 01
Author(s): Bhadrabahuswami, Kusumpragya Shramani
Publisher: Jain Vishva Bharati
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६
१२२, १२३.
१२४.
१२५, १२६.
१२७, १२८.
१२९.
१३०.
१३१.
१३१ / १, २.
१३२.
१३३, १३४.
१३५.
१३५/१, २.
१३५/३.
१३५/४.
१३५/५.
१२/५/६.
१३५/७.
१३५/८.
१३५/९.
१३५/१०.
१३५/११.
१३५/१२, १३.
१३५/१४.
१३५/१५, १६.
१३५/१७.
१३६.
१३६/१-८.
१३६ / ९ - ११.
१२६/१२.
१३६/१३, १४.
१३६/१५.
१३७.
१३७/१.
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शिष्य के गुण एवं दोषों का उल्लेख । शिष्य की परीक्षा हेतु दृष्टान्तों का कथन । व्याख्यानविधि के २६ उपोद्घातों का नामोल्लेख ।
उद्देश एवं निर्देश का स्वरूप एवं निक्षेपों का कथन ।
उद्देश एवं निर्देश में नयों का व्यवहरण |
निर्गम के निक्षेपों का कथन ।
निर्गम के संदर्भ में महावीर के पूर्वजन्म और सम्यक्त्व - प्राप्ति का उल्लेख ।
महावीर का पूर्वजन्म ।
इक्ष्वाकु कुल की उत्पत्ति ।
कुलकरों की उत्पत्ति का काल और क्षेत्र ।
कुलकरों के प्रमाण, संहनन संबंधी द्वारगाथा ।
कुलकरों के पूर्वभवों का उल्लेख ।
कुलकरों के नामों का कथन ।
कुलकरों का शरीर - प्रमाण । कुलकरों का संहनन ।
कुलकरों का वर्ण ।
कुलकरों की पत्नियों के नाम ।
कुलकर- पत्नियों के संहनन, संस्थान आदि का निर्देश ।
कुलकरों का आयु-परिमाण ।
कुलकर- पत्नियों तथा हाथियों का आयुष्य ।
कुलकरों का कुलकर-काल ।
कुलकरों का उपपात ।
कुलकर- पत्नियों तथा हाथियों का उपपात, मरुदेवा की सिद्धि ।
कुलकरों द्वारा प्रवर्तित दंडनीतियां ।
आवश्यक नियुक्ति
ऋषभ का आहार ।
नाभि की वक्तव्यता ।
ऋषभ का पूर्वभव - - सम्यक्त्व प्राप्ति, तीर्थंकर नामगोत्र का बंध आदि ।
तीर्थंकर नामगोत्र बंधन के बीस स्थान ।
कौन से तीर्थंकर ने तीर्थंकर नामगोत्र के कौन-कौन से स्थानों का स्पर्श किया ?
तीर्थंकर नामगोत्र का वेदन कैसे तथा इसके बंध की गति ।
ऋषभ का सर्वार्थसिद्धदेवलोक से च्यवन ।
ऋषभ का जन्म, नाम, विवाह, राज्यसंग्रह आदि की सूचक द्वारगाथा ।
ऋषभ का जन्मकाल ।
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