Book Title: Agam 40 Mool 01 Aavashyak Sutra Part 01
Author(s): Bhadrabahuswami, Kusumpragya Shramani
Publisher: Jain Vishva Bharati
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आवश्यक नियुक्ति
३१. हत्थम्मि
जोयण
३२.
३३.
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मुहत्तो, दिवसंतो गाउयम्मि बोधव्वो । दिवसपुहत्तं, पक्खंतो पणवीसाओ ॥ भरहम्मि अद्धमासो, जंबूदीवम्मि' साहिओ मासो । वासं च मणुयलोए, वासपुहत्तं रुगम् ॥
च
३४. काले चतुण्ह वुड्ढी, वुड्ढी दव्वपज्जव,
संखेज्जम्मि तु काले, दीवसमुद्दा वि कालम्मि असंखेज्जे,
३७.
३८.
३५. सुहुमो य होति कालो, तत्तो सुहुमतरयं हवति खेत्तं । अंगुलसेढीमित्ते, ओसप्पिणिओ
असंखेज्जा' ॥
३६. तेया- भासादव्वाण, अंतरा एत्थ लभति गुरुलहुयअगुरुलहुयं तं पि य तेणेव
३९. तेयाऽऽहारग
१. नंदी १८/४, स्वो ३२ / ६०५ ।
२. जंबुद्दी' (मब), जंबुद्दीवे य (स्वो)
३. नंदी १८/५, स्वो ३३ / ६०६ ।
पट्टवगो |
निट्ठाति ॥
आहार-य-भासा, मण-कम्मंग दव्ववग्गणासु कमो । कम्मग-मण-भासाए, य तेय आहारए खेत्ते ॥ कम्मोवरिं धुवेतर, सुतरवग्गणा अणंताओ। धुवणंतर तणुवग्गणा, य मीसो तहाऽचित्तो १२
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कम्मग-मणाऽऽणपाणू,
४. य (म)
५. भयणिज्जा (स्वो ३४ / ६११), नंदी १८/६ ।
६. यह गाथा मुद्रित मलयगिरि टीका में निगा के क्रमांक में
नहीं है, नंदी १८/ ७, स्वो ३५ / ६१३ ।
७. मयरं (हा, अ) 1
८. नंदी १८/८, स्वो ३६ / ६१७ /
९. मंतरा (चू), अंतरे (मटीपा, हाटीपा, बपा) ।
१०. स्वो ३७ /६२३ ।
दीवसमुद्दा तु
११. प्रायः सभी टीकाओं तथा स्वोपज्ञ वृत्ति (३८/६२७) में इस गाथा के स्थान पर निम्न गाथा मिलती है
कालो भइयव्वु खेत्तवुड्ढीए । भइतव्वा खेत्तकाला उ ॥
होंति संखेज्जा ।
भइयव्वा ॥
विकुव्वणोरालसरीर
भासा य
गुरु-लहू दव्वा । अगुरुय - लहुयाइं ॥
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२७
ओराल-विउव्वाहार तेय भासाणपाण-मण-कम्मे । अह दव्ववग्गणाणं, कमो विवज्जासतो खेत्ते ॥ हमने प्राचीनता की दृष्टि से चूर्णि को मुख्य मानकर उसी गाथा को मूल रूप में स्वीकृत किया है।
१२. स्वो ३९ / ६३४, चूर्णि में इस गाथा का संकेत नहीं है। विषय की दृष्टि से भी यह अतिरिक्त व्याख्यात्मक सी प्रतीत होती है। सभी व्याख्याग्रंथों में यह गाथा निगा के क्रम में है अतः इसे नियुक्तिगाथा के क्रम में रखा गया है। १३. प्राय सभी टीकाओं तथा प्रकाशित स्वोपज्ञवृत्ति (४०/६५४) में यह गाथा कुछ शाब्दिक अंतर के साथ इस प्रकार मिलती है
ओरालिय-वेउव्विय, आहारग-तेय गुरुलहू दव्वा । कम्मग-मण-भासाई, एताई अगुरुलहुयाई ॥ विषय की स्पष्टता की दृष्टि से हमने चूर्णि की गाथा को मूल रूप में स्वीकृत किया है।
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