Book Title: Agam 18 Upang 07 Jambudveep Pragnapti Sutra Part 03 Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
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जम्बूद्वीपप्रज्ञप्तिसूत्रे योजनानि 'तीसं च एगसद्विभाए जोयणस्स' त्रिंशच्चैकषष्टिभागान् योजनस्य 'एग च एगसद्विभाग सत्तहा छेत्ता' एक चैकषष्टिभागं सप्तधा-सप्तप्रकारेण छित्वा 'चत्तारि चुणिया भागे' चतुरश्चूर्णिकामागान् 'चंदमंडलस्स अबाहाए अंतरे पन्नत्ते' चन्द्रमण्डलस्य चन्द्र. मण्डलस्यावाधया अन्तरं प्रज्ञप्तम्, अर्थात् पश्चत्रिंशद योजनानि त्रिशच्चैकषष्टिभागान योजनस्यैकं चैकषष्टिमा सप्तधा विभिद्य चतुरश्चूर्णिका भागान्, एतावच्चन्द्रमण्डलस्य चन्द्रमण्डलस्याबाधया अन्तरं भवतीति तृतीयं मण्डलान्तरद्वारं समाप्तम् ॥
सम्प्रति-चतुर्थमण्डलायामादिमानद्वारमाह-'चंदमंडलेणं भंते !' इत्यादि, 'चंदमंडले पणतीसं जोयणाइ तीसंच एगसहिभाए जोयणस्स' हे गौतम! ३५-३५ योजन का तथा एक योजन के ६१ भागों में से ३५ भाग प्रमाण अन्तर कहा गया है इस तरह ३५ ३० योजन का अन्तर वाच्य हो जाता है इस में इतना और संशोधन करलेना चाहिये-'एगं च एगसहिभागं सत्तहा छेत्ता चत्तारि चुणिया भागे' ६१ भागों में से एक भाग के ७ दुकडे करना और उन में से ४ भाग लेना इस तरह : इतना और अधिक अन्तर में प्रक्षिप्त कर देना-इस प्रकार से 'चंदमंडलस्स चंदमंडलस्स अवाहाए अंतरे पण्णत्ते' एक चन्द्रमंडल का दूसरे चन्द्रमंडल से अन्तर कथन स्पष्ट हो जाता है समुदितार्थ इसका ऐसा हो जाता है कि एक चन्द्रमंडल का दूसरे चन्द्र मंडल से ३५३० योजन का और ६१ योजन भागों में से १ भाग के ७ भाग करने पर ४ भाग प्रमाण अन्तर है।
तृतीयमण्डलान्तर द्वार कथन समाप्त.
___ चतुर्थमंडल आयामादि द्वार कथन इसमें गौतमस्वामी ने प्रभु से ऐसा पूछा है 'चंदमंडलेणं भंते ! केवइयं च एगसद्विभाए जोयणस्स' हे गौतम ! ७५, ३५ योजना तथा मे यानना ६१ ભાગોમાંથી ૩૫ ભાગ પ્રમાણુ અંતર કહેવામાં આવેલ છે. આ પ્રમાણે ૩૫ જનનું मत२ पाच्य २४ लय छे. मामा मामी साधन ४री से नये , 'एग च एगसद्विभागं सत्तहा छेत्ता चत्तारि चुणिया भागे' ६१ लामाथी से लागना ७६ કકડા કરવા અને તેમાંથી ૪ ભાગ લેવા. આ પ્રમાણે આટલું વધારે અંતરમાં प्रक्षिात ४२ हे. माम 'चंदमंडलरस चंदमंडलस्स अवाहाए अंतरे पण्णत्ते' से। यद्रम. ળનું બીજા ચન્દ્રમંડળથી અંતર કથન સ્પષ્ટ થઈ જાય છે. આને સમુદિતાથ આ પ્રમાણે થઈ જાય છે કે એક ચંદ્રમંડળને બીજા ચંદ્રમંડળથી ૩૫૫ જનનો અને ૬૧ જન ભાગમાંથી ૧ ભાગના ૭ ભાગે કરવાથી ૪ ભાગ પ્રમાણ અંતર છે.
તૃતીયમંડળાન્તરદ્વાર કથન સમાપ્ત
ચતુર્થમંડળ આયામદિદ્વાર કથન भामा गीतस्वामी प्रभुने म त प्रश्न ये छ ?-'चंदमंडले गं भंते ! केवइयं
જમ્બુદ્વીપપ્રજ્ઞપ્તિસૂત્રા